अध्याय 1
1 यहोवा ने मूसा को बुलाकर मिलापवाले तम्बू के विषय में कहा,
2 »इस्राएल के लोगों से कहो:
जब तुम में से कोई यहोवा को भेंट चढ़ाए, तो वह पशु हो, चाहे वह गाय-बैल हो या भेड़-बकरी।.
3 यदि वह होमबलि के रूप में पशु चढ़ाए, तो निर्दोष नर पशु चढ़ाए; उसे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सम्मुख ग्रहणयोग्य ठहराने के लिये चढ़ाए।.
4 वह अपना हाथ होमबलि पशु के सिर पर रखे, और वह उसके लिये प्रायश्चित्त करने को ग्रहण किया जाएगा।.
5 वह यहोवा के साम्हने बछड़े का बलि करेगा, और हारून की सन्तान याजक उसका लोहू चढ़ाकर उस वेदी पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है चारों ओर छिड़केंगे।.
6 होमबलि के पशु को छीलकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाएगा।.
7 हारून याजक के पुत्र वेदी पर आग रखें और आग पर लकड़ियाँ सजाएँ;
8 तब हारून के पुत्र याजक सिर और अंडों समेत टुकड़ों को वेदी की आग पर रखी हुई लकड़ी पर सजाएँगे।.
9 अंतड़ियों और पैरों को जल से धोकर याजक उन सभों को वेदी पर जलाए; यह होमबलि और यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्धवाला हव्य ठहरेगा।.
10 यदि वह छोटा पशु, अर्थात् मेम्ने या बकरे का होमबलि चढ़ाए, तो वह निर्दोष नर पशु चढ़ाए।.
11 वह उसे यहोवा के सम्मुख वेदी की उत्तर ओर बलि करेगा; और हारून की सन्तान याजक उसका लोहू वेदी के चारों ओर छिड़केंगे।.
12 और वह सिर और गोबर समेत टुकड़े टुकड़े करके काटा जाए; तब याजक उन्हें वेदी की आग पर रखी हुई लकड़ी पर सजाकर रखे।.
13 और वह अंतड़ियों और पैरों को जल से धोए, और याजक सब कुछ चढ़ाकर वेदी पर जलाए; तब वह होमबलि और हव्य ठहरेगा, और यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध ठहरेगा।.
14 यदि वह यहोवा के लिये पक्षियों की होमबलि चढ़ाए, तो उसे पण्डुक या कबूतर के बच्चे चढ़ाने चाहिए।.
15 तब याजक पक्षी को वेदी के पास ले आए; वह अपने नाखून से उसका सिर तोड़कर उसे वेदी पर जलाए, और उसका खून वेदी की दीवार पर छिड़क दे।.
16 वह फसल को उसकी अशुद्धता समेत अलग करेगा और उसे वेदी के पास, पूर्व की ओर, उस स्थान पर फेंक देगा जहाँ राख डाली जाती है।.
17 तब याजक पक्षी को उसके पंखों के पास से चीरकर अलग न करे, और याजक उसे वेदी पर, आग पर रखी हुई लकड़ी के ऊपर जलाए। तब वह होमबलि और यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्धवाला हव्य ठहरेगा।.
अध्याय दो
1 जब कोई यहोवा के लिये भेंट चढ़ाए, तो उसका चढ़ावा मैदा हो; वह उस पर तेल डाले, और लोबान डाले।.
2 और वह उसे हारून की सन्तान याजकों के पास ले आए; और याजक तेल से सने हुए मैदे में से मुट्ठी भर मैदा और सब धूप लेकर वेदी पर स्मरण दिलानेवाला बलिदान करके जलाए; वह होमबलि यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध ठहरेगा।.
3 उस भेंट में से जो कुछ बचा रहेगा वह हारून और उसके पुत्रों का होगा; वह यहोवा के लिये हव्यों में परमपवित्र वस्तु है।.
4 जब तुम पके हुए माल का चढ़ावा चढ़ाओ, तो वह तेल से सने हुए अखमीरी मैदे के फुलके और तेल से चुपड़ी हुई अखमीरी पपड़ियाँ हों।.
5 यदि तुम तवे पर पका हुआ आटा चढ़ाते हो, तो वह तेल में गूंधे हुए, बिना खमीर वाले मैदे का हो।.
6 तुम इसे टुकड़ों में तोड़ोगे और इस पर तेल डालोगे; यह एक भेंट होगी।.
7 यदि तुम तवे पर पका हुआ केक चढ़ाते हो, तो वह तेल में पके हुए मैदे का बना होना चाहिए।.
8 इस प्रकार तैयार किया हुआ चढ़ावा यहोवा के पास ले आना, और याजक के पास ले जाना, और याजक उसे वेदी के समीप ले जाएगा।.
9 याजक उसमें से स्मरण दिलानेवाला भाग लेकर वेदी पर जलाए; वह हव्य होगा, और यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध होगी।.
10 और जो कुछ भेंट बचेगी वह हारून और उसके पुत्रों की होगी; वह यहोवा के लिये हव्यों में परमपवित्र वस्तु है।.
11 तुम यहोवा के लिए जो भी भेंट चढ़ाओगे वह बिना खमीर के तैयार की जानी चाहिए, क्योंकि तुम यहोवा के लिए आग में चढ़ाए गए बलिदान के रूप में खमीर या शहद वाली कोई भी वस्तु नहीं जलाओगे।.
12 तुम इन्हें यहोवा को पहली उपज के रूप में चढ़ा सकते हो; लेकिन उनमें से किसी को भी वेदी पर सुखदायक सुगंध के रूप में नहीं रखा जाना चाहिए।.
13 जो कुछ तुम भेंट के रूप में चढ़ाओ वह नमकीन हो; तुम्हारे परमेश्वर की वाचा के नमक को तुम्हारे चढ़ावे में कम न होने देना; तुम अपने सभी चढ़ावों पर नमक चढ़ाना।.
14 यदि तुम यहोवा के लिये पहिली उपज का चढ़ावा चढ़ाओ, तो अपनी पहिली उपज के चढ़ावे के लिये आग पर भूनी हुई अन्न की बालें, अर्थात् ताजा पिसी हुई बालें चढ़ाना।.
15 और उस पर तेल डालना, और उस में लोबान डालना; यह भेंट ठहरेगी।.
16 याजक कुछ कुचला हुआ अन्न और तेल, और सब धूप जलाकर यहोवा को स्मरण दिलाने वाली भेंट चढ़ाएगा।.
अध्याय 3
1 जब कोई मनुष्य मेलबलि चढ़ाए, तो चाहे वह नर हो या मादा, वह उसे यहोवा के सामने निर्दोष चढ़ाए।.
2 वह अपना हाथ मारे हुए आदमी के सिर पर रखेगा और उसे मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बलि करेगा, और हारून के पुत्र याजक खून को उस पर छिड़केंगे की दीवारें चारों ओर वेदी।.
3 इस मेलबलि में से वह यहोवा के लिये हव्य करके चढ़ाए: वह चरबी जो अंतड़ियों को ढँकती है, और वह सारी चरबी जो अंतड़ियों से लगी रहती है;
4 दोनों गुर्दे, जिनके ऊपर चर्बी लिपटी होगी और जो कटि प्रदेश से जुड़े होंगे; और कलेजे का अपारदर्शी भाग, जिसे वह गुर्दों के पास से अलग करेगा।.
5 हारून के पुत्र उसे वेदी पर, आग पर रखी हुई लकड़ी पर रखे हुए होमबलि के ऊपर जलाएँ। वह होमबलि यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध ठहरेगा।.
6 यदि वह यहोवा के लिये मेलबलि के रूप में कोई छोटा पशु, चाहे वह नर हो या मादा, चढ़ाए, तो उसे निर्दोष चढ़ाना चाहिए।.
7 यदि वह मेमना बलि चढ़ाता है, तो उसे यहोवा के सामने पेश करना चाहिए।.
8 वह अपना हाथ मारे हुए आदमी के सिर पर रखेगा और उसे मिलापवाले तम्बू के सामने बलि करेगा, और हारून के बेटे उसका खून उस पर छिड़केंगे की दीवारें चारों ओर वेदी।.
9 इस मेलबलि में से वह यहोवा के लिये हव्य करके चढ़ाए; अर्थात उसकी चरबी, अर्थात रीढ़ के पास से कटी हुई पूरी पूँछ, और अंतड़ियों को ढँकने वाली चरबी, और अंतड़ियों से लगी हुई सारी चरबी;
10 दोनों गुर्दे, और उनके ऊपर चर्बी रहेगी जो कटि प्रदेश से जुड़ी रहेगी; और कलेजे का वह भाग जो गुर्दों के पास से अलग किया जाएगा।.
11 याजक उसे वेदी पर जलाए; वह यहोवा के लिये हव्य का भोजन है।.
12 यदि वह बकरा चढ़ाए, तो उसे यहोवा के सामने पेश करना चाहिए।.
13 वह अपना हाथ मारे हुए के सिर पर रखेगा, और उसे मिलापवाले तम्बू के सामने बलि करेगा, और हारून के पुत्र उसका खून उस पर छिड़केंगे। की दीवारें चारों ओर वेदी।.
14 वह बलि में से यहोवा के लिये हव्य चढ़ाए; अर्थात वह चरबी जो अंतड़ियों को ढँकती है, और वह सारी चरबी जो अंतड़ियों से लगी रहती है;
15 दोनों गुर्दे, और उनके ऊपर चर्बी रहेगी जो कटि प्रदेश से जुड़ी रहेगी; और कलेजे का वह भाग जो गुर्दों के पास से अलग किया जाएगा।.
16 याजक उसे वेदी पर जलाए; वह हव्य का भोजन है, और सुखदायक सुगन्ध है; सब चर्बी यहोवा की है।.
17 यह तुम्हारे वंश के लिये सदा की विधि है, चाहे तुम कहीं भी रहो: तुम न तो चर्बी खाना और न लोहू।«
अध्याय 4
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएलियों से कह, जब कोई मनुष्य यहोवा की आज्ञाओं में से किसी काम को अनजाने में तोड़कर पाप करे, और वह इनमें से कोई काम करे;
3 यदि अभिषिक्त याजक पाप करे, और इस प्रकार लोगों को दोषी ठहराए, तो वह अपने पाप के कारण यहोवा के लिये एक निर्दोष बछड़ा पापबलि करके चढ़ाए।.
4 वह बछड़े को यहोवा के सम्मुख मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले आए, और अपना हाथ बछड़े के सिर पर रखे, और उसे यहोवा के सम्मुख बलि करे।.
5 अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ लेकर मिलापवाले तम्बू में ले आए;
6 वह अपनी उंगली खून में डुबोए और उसे पवित्रस्थान के पर्दे के आगे यहोवा के सामने सात बार छिड़के।.
7 याजक उस खून में से कुछ सुगन्धित धूप की वेदी के सींगों पर लगाएगा, जो मिलापवाले तम्बू में यहोवा के सामने है, और वह सब कुछ छिड़केगा। के बाकी बछड़े का खून होमबलि की वेदी के नीचे, जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है।.
8 वह ले जाएगा अगला पापबलि किए हुए बैल की सारी चर्बी, अंतड़ियों को ढकने वाली चर्बी और अंतड़ियों से जुड़ी हुई सारी चर्बी;
9 दोनों गुर्दे, और उनके ऊपर चर्बी रहेगी जो कटि प्रदेश से जुड़ी रहेगी; और कलेजे का अपारदर्शी भाग, जिसे वह गुर्दों के पास से अलग करेगा।.
10 वह उन हिस्सों को हटा देगा जैसे वे मेलबलि के बछड़े से निकाले जाते हैं, वैसे ही वह उन्हें होमबलि की वेदी पर जलाएगा।.
11 परन्तु बैल की खाल, उसका सारा मांस, अर्थात सिर, पैर, अंतड़ियाँ, और गोबर,
12 और वह पूरे बछड़े को छावनी से बाहर शुद्ध स्थान पर ले जाए, जहां राख डाली जाती है, और उसे लकड़ी पर आग में जलाए; वह राख के ढेर पर ही जलाया जाए।.
13 यदि इस्राएल की सारी मण्डली अनजाने में पाप करे, और यहोवा ने उन्हें जो कुछ करने से मना किया है, वह सब करे, तो वे उसके सामने आत्मसमर्पण कर देंगे। इस प्रकार अपराधी,
14 जब उनका पाप स्वीकार हो जाए, तब मण्डली पापबलि के लिये एक बछड़ा चढ़ाए, और उसे मिलापवाले तम्बू के साम्हने ले आए।.
15 सभा के बुज़ुर्ग इज़राइल के वे यहोवा के सामने बछड़े के सिर पर अपने हाथ रखेंगे, और वे यहोवा के सामने बछड़े का वध करेंगे।.
16 अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ मिलापवाले तम्बू में ले आए;
17 वह अपनी उंगली खून में डुबोएगा और उसे सात बार यहोवा के सामने, पर्दे के सामने छिड़केगा।.
18 वह उस खून में से कुछ उस वेदी के सींगों पर लगाएगा जो मिलापवाले तम्बू में यहोवा के सामने है, और वह उस सब पर छिड़केगा। के बाकी होमबलि की वेदी के नीचे जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है, खून छिड़को।.
19 फिर वह बैल की सारी चर्बी अलग करेगा और उसे वेदी पर जलाएगा।.
20 वह इस बैल के साथ वैसा ही व्यवहार करेगा जैसा पाप के लिए बलि चढ़ाए गए बैल के साथ अभिषेक प्राप्त करने वाले पुजारी का ; वह भी ऐसा ही करेगा। इस प्रकार याजक उनके लिए प्रायश्चित करेगा, और उन्हें क्षमा कर दिया जाएगा।.
21 वह बछड़े को छावनी के बाहर ले जाकर जलाए, जैसे उसने पहले बछड़े को जलाया था। यह मण्डली की पापबलि है। इज़राइल के.
22 यदि कोई शासक अनजाने में कोई ऐसा काम करके पाप करता है जिसे यहोवा उसके परमेश्वर ने मना किया है, तो इस प्रकार अपराधी,
23 जब उसे अपने किए पाप का पता चले, तो वह एक निर्दोष बकरा भेंट करके ले आए।.
24 वह बकरे के सिर पर अपना हाथ रखेगा, और उसे उस स्थान पर बलि करेगा जहाँ यहोवा के सामने होमबलि पशु बलि किए जाते हैं; वह पापबलि है।.
25 याजक अपनी उंगली से पापबलि के खून में से कुछ लेगा, उसे होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाएगा, और उस पर छिड़केगा। के बाकी इस वेदी के नीचे खून है।.
26 तब वह सब चरबी को वेदी पर जलाए, जैसे मेलबलि की चरबी जलाई जाती है। इस प्रकार याजक उसके पाप के लिये प्रायश्चित्त करेगा, और वह क्षमा किया जाएगा।.
27 यदि देश के लोगों में से कोई अनजाने में यहोवा द्वारा मना किए गए किसी काम को करके पाप करता है, तो इस प्रकार अपराधी,
28 जब उसे अपने किए पाप का पता चले, तो वह अपने किए पाप के कारण एक निर्दोष बकरी का बच्चा बलि चढ़ाए।.
29 वह अपना हाथ पापबलि के पशु के सिर पर रखेगा और उसे उस स्थान पर बलि करेगा जहाँ होमबलि चढ़ाया जाता है।.
30 याजक अपनी उंगली से बलि के कुछ खून को लेगा, उसे होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाएगा, और सारी बलि वेदी पर छिड़केगा। के बाकी वेदी के नीचे खून।.
31 और याजक सारी चरबी को मेलबलि की चरबी की नाईं अलग करे, और याजक उसे वेदी पर यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध के लिये जलाए। इस प्रकार याजक उस मनुष्य के लिये प्रायश्चित्त करे, और वह क्षमा किया जाएगा।.
32 यदि वह पापबलि के लिए मेमना लाए, तो उसे निर्दोष मादा मेमना लाना चाहिए।.
33 वह अपना हाथ पापबलि के पशु के सिर पर रखेगा और उसे पापबलि के रूप में उसी स्थान पर बलि करेगा जहाँ होमबलि चढ़ाया जाता है।.
34 याजक अपनी उंगली से बलि के खून में से कुछ लेगा, उसे होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाएगा, और सारी वेदी पर छिड़केगा। के बाकी वेदी के नीचे खून।.
35 और याजक सारी चरबी को वैसे ही अलग करे जैसे मेलबलि के मेम्ने की चरबी अलग की जाती है, और याजक उसे वेदी पर यहोवा के हव्यों के ऊपर जलाए। इस प्रकार याजक उस मनुष्य के पाप के लिये प्रायश्चित्त करेगा, और वह क्षमा किया जाएगा।.
अध्याय 5
1 यदि कोई चेतावनी सुनकर पाप करता है न्यायाधीश का, एक गवाह के रूप में, वह यह नहीं बताता कि उसने क्या देखा, या वह क्या जानता है, वह अपने अधर्म को सहन करेगा।.
2 अगर कोई किसी अशुद्ध चीज़ को छू ले, चाहे वह किसी अशुद्ध जंगली जानवर की लाश हो, किसी अशुद्ध पालतू जानवर की लाश हो, या किसी अशुद्ध सरीसृप की लाश हो, अनजाने में, और अगर वह उसमें पाया जाए। इस प्रकार स्वयं अशुद्ध होने के कारण, वह पाप का भागी होगा;
3. इसी प्रकार, यदि वह बिना ध्यान दिए किसी मानवीय अशुद्धता को छू लेता है जिससे मई अपवित्र होना, और उसे इसका एहसास होना बाद में, उसने कोई गलती की होगी.
4 यदि कोई लापरवाही से बोलते हुए, हानि या भलाई करने की शपथ खा ले, तो जो कुछ भी वह ऐसी मूर्खतापूर्ण शपथ से करता है, और इस बात पर ध्यान नहीं देता सबसे पहले, वह ध्यान देता है बाद में, उसने इनमें से किसी एक बात में गलती की होगी।.
5 इसलिए, जो कोई इनमें से किसी एक मामले में अपराध करता है, तीन वह उन बातों को स्वीकार करेगा जिनमें उसने पाप किया है।.
6 वह अपने पाप के प्रायश्चित्त के लिये यहोवा के पास एक भेड़ या बकरी पापबलि करके ले आए, और याजक उसके पाप के लिये प्रायश्चित्त करे।.
7 यदि वह भेड़ या बकरी न दे सके, तो वह अपने पाप के प्रायश्चित के रूप में यहोवा को दो पंडुक या कबूतर के दो बच्चे चढ़ाए; एक पापबलि के लिये और दूसरा होमबलि के लिये।.
8 वह उन्हें याजक के पास ले जाए, जो पहिले पापबलि चढ़ाएगा, और याजक उसका सिर गर्दन के पास से बिना अलग किए तोड़ दे;
9 वह पापबलि के लोहू में से कुछ वेदी की अलंग पर छिड़के, और बचा हुआ लोहू वेदी के पाए पर उंडेल दे; यह पापबलि है।.
10 वह दूसरे पक्षी को रीति के अनुसार होमबलि चढ़ाएगा। इस बलिदान का. इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पाप के लिए प्रायश्चित करेगा और उसे क्षमा कर दिया जाएगा।.
11 यदि वह दो पंडुक वा कबूतरी के दो बच्चे न दे सके, तो वह अपने पाप के कारण एपा का दसवां अंश मैदा पापबलि करके ले आए; उस पर वह तेल न डाले, और न धूप जलाए, क्योंकि वह पापबलि होगा।.
12 वह उसे याजक के पास ले आए, और याजक उसमें से मुट्ठी भर स्मरण दिलानेवाला भाग लेकर वेदी पर यहोवा के हव्यों के ऊपर जलाए; वह पापबलि ठहरेगा।.
13 इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के लिए उस पाप का प्रायश्चित करेगा जो उसने इनमें से किसी एक के विरुद्ध किया है। तीन चीजें, और उसे माफ़ कर दिया जाएगा. क्या बचेगा? यह याजक का होगा, जैसा कि आहुति में होता है।«
14 यहोवा ने मूसा से कहा,
15 »अगर कोई अनजाने में बेवफ़ाई और पाप करता है किसी चीज़ को रोककर वह यहोवा के लिए पवित्र भेंटों में से एक दोषबलि के रूप में यहोवा के पास एक निर्दोष मेढ़ा ले आएगा, लिया भेड़-बकरियों में से तुम पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार चांदी के शेकेल में भेड़-बकरियों का मोल लो; यह एक होगा क्षतिपूर्ति का बलिदान.
16 और वह पवित्रस्थान के विरुद्ध जो कुछ उसने किया हो, उसका पांचवां भाग और भरकर याजक को दे। और याजक उस मेढ़े को दोषबलि करके उसके लिये प्रायश्चित्त करे, तब उसका पाप क्षमा किया जाएगा।.
17 यदि कोई बिना सोचे-समझे पाप करता है le यदि कोई व्यक्ति यहोवा द्वारा मना की गई किसी बात को जानता है, तो वह दोषी होगा और अपने अधर्म का भार उठाएगा।.
18 वह याजक के पास दोषबलि के रूप में एक निर्दोष मेढ़ा ले आए, लिया भेड़-बकरियों में से अपनी समझ के अनुसार दो। और याजक उसके लिये उस पाप का प्रायश्चित करेगा जो उसने अनजाने में किया था, और उसे क्षमा कर दिया जाएगा।.
19 यह दोषबलि है; यह मनुष्य यहोवा के सम्मुख निश्चय ही दोषी है।«
20 यहोवा ने मूसा से कहा,
21 »यदि कोई व्यक्ति यहोवा के विरुद्ध पाप करके विश्वासघात करे, अर्थात अपने पड़ोसी से जमानत, या बन्धक, या चोरी की वस्तु के विषय में झूठ बोले, या अपने पड़ोसी पर हिंसा करे;
22 खोई हुई वस्तु के विषय में झूठ बोलकर, जो उसे मिल गई हो, या उन बातों में से किसी एक के विषय में झूठी शपथ खाकर जिसमें मनुष्य पाप कर सकता है,
23 यदि वह इस रीति से पाप करे और दोषी ठहरे, तो उसे जो कुछ चुराया गया हो, या बलपूर्वक छीना गया हो, या जो कुछ उसे जमानत के रूप में सौंपा गया हो, या जो कुछ खो गया हो, उसे लौटाना होगा।,
24 या कोई वस्तु जिसके विषय में उसने झूठी शपथ खाई हो, तो उसे पूरी की पूरी लौटा दे, और उसके मूल्य का पांचवां भाग अतिरिक्त दे, और जिस दिन वह अपना प्रतिदान चढ़ाए, उसी दिन उसे उसके स्वामी को सौंप दे।.
25 वह याजक के पास ले जाएगा पेश किया जाना यहोवा के लिये दोषबलि के रूप में एक निर्दोष मेढ़ा चढ़ाना, लिया आपके अनुमान के अनुसार झुंड का,
26 और याजक यहोवा के सामने उसके लिये प्रायश्चित्त करे, और जो पाप उसने किया हो, वह क्षमा किया जाएगा।«
अध्याय 6
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »हारून और उसके पुत्रों को यह आज्ञा दे, और उनसे कह, होमबलि की व्यवस्था यह है: होमबलि वेदी के चूल्हे पर रात भर भोर तक जलाया जाए, और वेदी की अग्नि वहीं जलती रहे।”.
3 रोज सुबह, याजक अपने सनी के वस्त्र और अपने तन पर सनी के जांघिया पहिनकर, होमबलि को भस्म करने वाली आग की राख को वेदी पर उठाकर वेदी के पास रख दे;
4 फिर वह अपने कपड़े उतारकर दूसरे कपड़े पहनेगा और राख को छावनी से बाहर किसी शुद्ध स्थान पर ले जाएगा।.
5 वेदी पर आग निरन्तर जलती रहे; याजक प्रति भोर को उस पर लकड़ियाँ जलाए, और उस पर होमबलि रखे, और उस पर मेलबलि की चरबी जलाए।.
6 वेदी पर आग लगातार जलती रहनी चाहिए, कभी बुझनी नहीं चाहिए।.
7 बलिदान की व्यवस्था यह है: हारून के पुत्र उसे यहोवा के सम्मुख वेदी के सामने ले आएं।.
8 याजक तेल समेत मुट्ठी भर मैदा और भेंट पर का सारा धूप लेकर वेदी पर जलाए, कि वह सुखदायक सुगन्ध के लिये यहोवा के लिये स्मरण दिलानेवाला ठहरे।.
9 हारून और उसके पुत्र बचे हुए अन्नबलि को खाएँगे; वे उसे पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में अख़मीरी खाएँगे।.
10 वह खमीर के साथ न पकाया जाए; वह मेरे हव्यों में से उनका भाग ठहरा है; वह पापबलि और दोषबलि के समान परमपवित्र है।.
11 हारून के वंश का हर एक पुरुष उसमें से खा सकता है। यहोवा के हव्य के विषय में तुम्हारे वंश के लिए यह सदा की विधि है: जो कोई उसे छूए वह पवित्र ठहरेगा।«
12 यहोवा ने मूसा से कहा,
13 »जिस दिन हारून का अभिषेक होगा, उस दिन उसे और उसके पुत्रों को यहोवा के लिये यह भेंट चढ़ानी होगी: अर्थात् एपा का दसवाँ भाग मैदा, नित्य अन्नबलि के रूप में, आधा सुबह और आधा शाम को चढ़ाना।.
14 वह तवे पर तेल डालकर पकाया जाए; जब वह सिक जाए तब उसे समीप ले आना, और उसके टुकड़े करके यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध देनेवाला अर्पण करके चढ़ाना।.
15 उसके पुत्रों में से जो अभिषिक्त याजक उसके बाद आएगा, वह यह काम करेगा। भी यह भेंट यहोवा के सम्मुख सदा की विधि है; यह सब धूआं हो जाएगी।.
16 याजक की हर एक भेंट पूरी तरह खायी जाए; वह खाई न जाए।«
17 यहोवा ने मूसा से कहा,
18 »हारून और उसके बेटों से बात करो, उन्हें बताओ पापबलि की व्यवस्था यह है: जिस स्थान पर होमबलि का पशु वध किया जाता है, उसी स्थान पर पापबलि का पशु यहोवा के साम्हने वध किया जाए; वह परमपवित्र है।.
19 पापबलि चढ़ाने वाला याजक उसे खाए; वह पवित्रस्थान में, अर्थात् मिलापवाले तम्बू के आँगन में खाया जाए।.
20 जो कोई उसके मांस को छूए वह पवित्र ठहरे। यदि किसी वस्त्र पर खून के छींटे पड़ जाएं, तो उस स्थान को पवित्र स्थान में धो देना।.
21 जिस मिट्टी के बर्तन में वह पकाया गया हो उसे तोड़ दिया जाए; यदि वह पीतल के बर्तन में पकाया गया हो तो उसे साफ करके जल से धो दिया जाए।.
22 याजकों में से हर एक पुरुष उसमें से खा सकता है; वह परमपवित्र है।.
23 परन्तु कोई पापबलि, जिसका लोहू पवित्रस्थान में प्रायश्चित्त करने के लिये मिलापवाले तम्बू में लाया जाए, खाया न जाए; वह आग में जला दिया जाए।.
अध्याय 7
1 दोषबलि की व्यवस्था यही है; यह परमपवित्र वस्तु है।.
2 जिस स्थान पर होमबलि पशु वध किया जाता है, उसी स्थान पर दोषबलि पशु भी वध किया जाए, और उसका लोहू वेदी के चारों ओर छिड़का जाए।.
3 सारी चर्बी, पूँछ और अंतड़ियों को ढकने वाली चर्बी चढ़ायी जाएगी।,
4 दोनों गुर्दे, जिनके ऊपर चर्बी होगी और जो कटि प्रदेश से जुड़े होंगे, और कलेजे का अपारदर्शी भाग, जो गुर्दों के पास से अलग होगा।.
5 याजक उन्हें वेदी पर यहोवा के लिये हव्य के रूप में जलाए। यह दोषबलि है।.
6 याजकों में से हर एक पुरुष इसे खाएगा मांस ; वह उसे पवित्र स्थान में खाए; वह परम पवित्र है।.
7 और पापबलि के समान दोषबलि के लिये भी यही बात है; दोनों के लिये व्यवस्था एक ही है; अर्थात बलिदान उस याजक का होगा जो प्रायश्चित्त करता है।.
8 जो याजक किसी के होमबलि को चढ़ाता है, वह होमबलि की खाल अपने पास रख लेगा।.
9 तंदूर में पकाई गई हर एक भेंट, और हंडे या कड़ाही में तैयार की गई हर एक भेंट, उस याजक की होगी जिसने उसे चढ़ाया है।.
10 हर एक भेंट, चाहे वह तेल से गूंधी हुई हो या सूखी, हारून के सब पुत्रों की होगी, और उन दोनों का बराबर का भाग होगा।.
11 यहोवा के लिये चढ़ाए जाने वाले मेलबलि की व्यवस्था यही है।.
12 यदि वह धन्यवाद के लिये चढ़ाया जाए, तो धन्यवादबलि के साथ तेल से सने हुए अखमीरी फुलके, तेल से छिड़के हुए अखमीरी पपड़ियाँ, और तेल से सने हुए फुलकों में तला हुआ मैदा भी चढ़ाया जाए।.
13 खमीरी रोटियाँ भी भेंट में मिलाई जाएँगी जो बलि के साथ उसके शान्तिपूर्ण बलिदान के लिए धन्यवाद स्वरूप चढ़ाई जाएँगी।.
14 इन भेंटों में से प्रत्येक का एक टुकड़ा यहोवा के लिये चढ़ाया जाए; यह उस याजक के लिये होगा जिसने मेलबलि का लोहू छिड़का है।.
15 मेलबलि के धन्यवादबलि का मांस उसी दिन खाया जाए जिस दिन वह चढ़ाया जाए; उस में से कुछ भी भोर तक न बचे।.
16 यदि बलि का मांस मन्नत मानकर या स्वेच्छा से चढ़ाया गया हो, तो बलि का मांस उसी दिन खाया जाए जिस दिन वह चढ़ाया गया हो, और उसका जो भाग बचे वह दूसरे दिन खाया जाए।.
17 क्या बचेगा दोबारा तीसरे दिन पीड़ित के मांस का एक भाग आग में भस्म कर दिया जाएगा।.
18 यदि कोई मनुष्य अपने मेलबलि के मांस में से कुछ तीसरे दिन खाए, तो वह भेंट ग्रहण न की जाएगी; और न वह चढ़ानेवाले के खाते में गिनी जाएगी; वह घृणित वस्तु ठहरेगी, और जो कोई उसमें से खाए, वह अपने अधर्म का भार उठाएगा।.
19 जो मांस किसी अशुद्ध वस्तु से छू गया हो, वह खाया न जाए; वह आग में भस्म हो जाए। शांतिपूर्ण बलिदान, कोई भी शुद्ध मनुष्य इसे खा सकता है।.
20 परन्तु जो कोई अशुद्ध होकर यहोवा के मेलबलि के मांस में से खाए, वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए।.
21 और जो कोई किसी अशुद्ध वस्तु को छूता है, चाहे वह किसी मनुष्य की अशुद्धता हो, या किसी अशुद्ध पशु की, या किसी अन्य और जो कोई यहोवा के मेलबलि का मांस खाए, वह अपने लोगों में से नाश किया जाए।«
22 यहोवा ने मूसा से कहा,
23 »इस्राएल के बच्चों से कहो—”उनका तुम गाय, भेड़ या बकरी की चर्बी नहीं खाना।.
24 मृत या फटे हुए जानवर की चर्बी एक क्रूर जानवर द्वारा इसका उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, लेकिन आप इसे किसी भी तरह से नहीं खा सकते।.
25 क्योंकि जो कोई यहोवा को आग में जलाकर चढ़ाई गई बलि के रूप में चढ़ाए गए पशुओं की चर्बी खाएगा, वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।.
26 तुम जहाँ भी रहो, वहाँ किसी पक्षी या चौपाये पशु का खून मत खाना।.
27 जो कोई किसी भी प्रकार का खून खाएगा वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।«
28 यहोवा ने मूसा से कहा,
29 »इस्राएल के बच्चों से कहो-उनका जो कोई यहोवा के लिये मेलबलि चढ़ाए, वह अपने मेलबलि में से कुछ यहोवा के पास ले आए।.
30 वह अपने हाथों में यहोवा के लिये हव्य वस्तुएँ ले आएगा; अर्थात् वह छाती समेत चर्बी को यहोवा के साम्हने हिलाने के लिये ले आएगा।.
31 याजक चरबी को वेदी पर जलाएगा, और छाती हारून और उसके पुत्रों के लिए होगी।.
32 और तुम अपनी मेलबलि में से दाहिनी जांघ भी याजक को भेंट के रूप में देना।.
33 हारून का पुत्र जो मेलबलि का खून और चर्बी चढ़ाएगा, उसका भाग दाहिनी जांघ होगा।.
34 क्योंकि मैं ने इस्त्राएलियों के मेलबलियों में से हिलाने के लिये छाती और उठाने के लिये कन्धा लिया है, और मैं उन्हें हारून याजक और उसके पुत्रों को इस्त्राएलियों पर सदा का कर ठहराकर देता हूँ।.
35 हारून और उसके पुत्रों का अभिषेक का अधिकार यहोवा के हव्यों पर यही है, जिस दिन से वे यहोवा की सेवा में याजक पद के लिये उपस्थित किए जाएं।.
36 यह वही है जो यहोवा ने इस्राएलियों को उनके अभिषेक के दिन से देने की आज्ञा दी थी; यह उनके वंशजों के लिए हमेशा का कर होगा।«
37 होमबलि, अन्नबलि, पापबलि, दोषबलि, स्थापनाबलि और मेलबलि की व्यवस्था यही है।.
38 यहोवा ने यह आज्ञा मूसा को सीनै पर्वत पर दी, जिस दिन उसने इस्राएलियों को सीनै के जंगल में यहोवा के लिये अपनी भेंट चढ़ाने की आज्ञा दी थी।.
अध्याय 8
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »हारून और उसके पुत्रों को उसके साथ ले जाओ, वस्त्र, अभिषेक का तेल, पापबलि का बछड़ा, दो मेढ़े और अखमीरी रोटी की टोकरी,
3 और सारी मण्डली को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बुलाता है।«
4 मूसा ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार किया; और मण्डली मिलापवाले तम्बू के द्वार पर इकट्ठी हुई।,
5 मूसा ने सभा से कहा, »यहोवा ने हमें यही करने की आज्ञा दी है।«
6 मूसा ने हारून और उसके बेटों को पास बुलाया और उन्हें पानी से नहलाया।.
7 फिर उसने हारून को अंगरखा पहिनाया, और उसके गले में कमरबन्द बाँधा, और उसे बागा पहिनाया, और एपोद उसके सिर पर रखा।,
8 और उसने उसको एपोद के पटुके से बाँधकर उसके साथ जोड़ दिया, और उस पर चपरास को रखा, और ऊरीम और तुम्मीम को चपरास में जोड़ दिया;
9 और उसने अपने सिर पर पगड़ी रखी, और उसके सामने सोने का टीका, अर्थात् पवित्र मुकुट रखा, जैसा कि यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
10 तब मूसा ने अभिषेक का तेल लेकर तम्बू और उस में की सब वस्तुओं का अभिषेक करके उन्हें पवित्र किया।.
11 उसने वेदी पर सात बार पानी छिड़का, और वेदी को उसके सारे सामान समेत, और हौदी समेत उसके पाए समेत अभिषेक करके पवित्र किया।.
12 उसने हारून के सिर पर अभिषेक का तेल डाला और उसका अभिषेक करके उसे पवित्र किया।.
13 फिर मूसा ने हारून के पुत्रों को समीप लाकर उनको अंगरखे पहिनाए, और कमर में कमरबन्द बान्धे, जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
14 वह पापबलि के बछड़े को ले आया, और हारून और उसके पुत्रों ने पापबलि के बछड़े के सिर पर अपने हाथ रखे।.
15 मूसा ने उसे बलि किया, और उसके खून में से कुछ लेकर अपनी उंगली से वेदी के चारों सींगों पर लगाया, और वेदी को शुद्ध किया; और उस पर छिड़का। के बाकी वेदी के नीचे खून छिड़का और उस पर प्रायश्चित करके उसे पवित्र किया।.
16 तब उसने अंतड़ियों को ढकने वाली सारी चर्बी, कलेजे की परत, और दोनों गुर्दे और उनकी चर्बी को लेकर वेदी पर जलाया।.
17 परन्तु बछड़े को, उसकी खाल, मांस और गोबर समेत छावनी के बाहर जला दिया, जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
18 तब वह होमबलि के मेढ़े को समीप ले आया, और हारून और उसके पुत्रों ने मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखे।.
19 उन्होंने उसका वध किया और मूसा ने उसका खून वेदी पर छिड़का।.
20 तब उन्होंने मेढ़े को टुकड़ों में काटा, और मूसा ने सिर, टुकड़ों और चर्बी को जलाया।.
21 तब उन्होंने अंतड़ियों और पैरों को जल से धोया, और मूसा ने पूरे मेढ़े को वेदी पर जलाया; यह सुखदायक सुगन्ध वाला होमबलि, और यहोवा के लिये हव्य था, जैसा कि यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
22 फिर वह दूसरे मेढ़े को, अर्थात् स्थापना के मेढ़े को, ले आया। हारून और उसके पुत्रों ने मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखे।,
23 मूसा ने मेढ़े को बलि किया, उसका कुछ खून लिया और उसे हारून के दाहिने कान के सिरे पर, उसके दाहिने हाथ के अँगूठे पर, और उसके दाहिने पैर के अँगूठे पर लगाया।.
24 उसने हारून के बेटों को पास बुलाया और उनके दाहिने कान के सिरे पर, उनके दाहिने हाथ के अंगूठे पर और उनके दाहिने पैर के अंगूठे पर थोड़ा खून लगाया। के बाकी वेदी पर चारों ओर खून फैला हुआ था।.
25 फिर उसने चरबी, पूंछ, अंतड़ियों को ढँकने वाली सारी चरबी, कलेजे की परत, चरबी समेत दोनों गुर्दे, और दाहिनी जांघ ली;
26 फिर उसने यहोवा के सामने रखी अखमीरी रोटी की टोकरी में से एक अखमीरी रोटी ली। गूंथी तेल और एक प्याला लेकर, उसने उन्हें चर्बी और दाहिनी जांघ पर रखा;
27 और उसने ये सब वस्तुएं हारून और उसके पुत्रों के हाथों में रखकर यहोवा के आगे भेंट करके हिलाईं।.
28 तब मूसा ने उन्हें उनके हाथों से लेकर वेदी पर होमबलि के ऊपर जला दिया; क्योंकि वह संस्कार का बलिदान, सुखदायक सुगन्ध और यहोवा के लिये हव्य था।.
29 तब मूसा ने स्थापना के मेढ़े की छाती ली, और उसे यहोवा के सम्मुख हिलाया; और मूसा का भाग यही ठहरा, जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
30 मूसा ने अभिषेक के तेल और वेदी पर के खून में से कुछ लिया और उसे हारून और उसके वस्त्रों पर और हारून के पुत्रों और उनके वस्त्रों पर छिड़का, और उसने पवित्र किया इस प्रकार हारून और उसके वस्त्र, उसके पुत्र और उनके वस्त्र।.
31 मूसा ने हारून और उसके पुत्रों से कहा, »मिलापवाले तम्बू के द्वार पर मांस पकाओ; और वहीं तुम उसे उस रोटी के साथ खाओगे जो स्थापना की टोकरी में है, जैसा कि मैंने कहा था: हारून और उसके पुत्र उसे खाएँगे।.
32 और मांस और रोटी में से जो कुछ बचे उसे आग में जला देना।.
33 जब तक तुम्हारे स्थापना के दिन पूरे न हों, तब तक सात दिन तक तुम मिलापवाले तम्बू के द्वार से बाहर न निकलना; क्योंकि तुम्हारे स्थापना के दिन सात दिन के होंगे।.
34 आज जो कुछ किया गया है, उसे करने की आज्ञा यहोवा ने दी है सात दिनों के लिए ताकि तुम्हारे लिए प्रायश्चित किया जा सके।.
35 तुम सात दिन तक दिन-रात मिलापवाले तम्बू के द्वार पर खड़े रहना, और यहोवा की आज्ञाओं का पालन करना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; क्योंकि मुझे यही आज्ञा मिली है।«
36 हारून और उसके पुत्रों ने वे सभी काम किए जो यहोवा ने मूसा के द्वारा आज्ञा दी थी।.
अध्याय 9
1 आठवें दिन मूसा ने हारून और उसके पुत्रों और इस्राएल के पुरनियों को बुलाया।.
2 उसने हारून से कहा, »पापबलि के लिए एक निर्दोष बछड़ा और होमबलि के लिए एक निर्दोष मेढ़ा लो और उन्हें यहोवा के सामने चढ़ाओ।.
3 तू इस्त्राएलियों से कह, कि पापबलि के लिये एक बकरा, और होमबलि के लिये एक बछड़ा और एक निर्दोष एक वर्ष का एक मेमना लो;
4 मेलबलि के लिये एक बैल और एक मेढ़ा यहोवा के साम्हने बलि करना; और तेल से सने हुए अन्नबलि के लिये भी चढ़ाना; क्योंकि आज यहोवा तुम को दर्शन देगा।«
5 जो कुछ मूसा ने आज्ञा दी थी उसे वे मिलापवाले तम्बू के सामने ले आए, और सारी मण्डली समीप आकर यहोवा के सम्मुख खड़ी हो गई।.
6 इसलिए मूसा ने कहा, »जो आज्ञा यहोवा तुम्हें देता है वही करो, और यहोवा की महिमा तुम्हें दिखाई देगी।«
7 मूसा ने हारून से कहा, »वेदी के पास जाकर अपने पापबलि और होमबलि चढ़ाकर अपने और लोगों के लिये प्रायश्चित्त करो। और लोगों का चढ़ावा भी चढ़ाकर उनके लिये प्रायश्चित्त करो, जैसा यहोवा ने आज्ञा दी है।«
8 हारून वेदी के पास गया और अपने लिए चढ़ाए गए पापबलि के बछड़े को बलि किया।.
9 जब हारून के पुत्रों ने उसे खून दिया, तो उसने अपनी उँगली उसमें डुबोई, थोड़ा खून वेदी के सींगों पर लगाया और खून को वेदी के आधार पर छिड़का।.
10 और उसने पापबलि की चरबी, गुर्दों और कलेजे को वेदी पर जलाया, जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी;
11 किन्तु मांस और चमड़े को उसने छावनी के बाहर आग में जला दिया।.
12 उसने होमबलि का पशु बलि किया, और हारून के पुत्रों ने उसका खून उसके सामने पेश किया, और उसने उसे वेदी के चारों ओर छिड़का।.
13 उन्होंने होमबलि के पशु को टुकड़ों में काटकर, सिर समेत उसके पास लाया, और उसने उन्हें वेदी पर जलाया।.
14 उसने अंतड़ियों और पैरों को धोया और उन्हें वेदी पर होमबलि के ऊपर जलाया।.
15 उन्होंने प्रस्तुत किया अगला लोगों की भेंट। उसने लोगों के लिए चढ़ाए गए पापबलि के बकरे को लिया, और उसे मारकर प्रायश्चित के रूप में चढ़ाया, उसने जो किया था पहला शिकार.
16 उन्होंने प्रस्ताव दिया वैसे ही प्रलय और अनुष्ठान के अनुसार बलिदान।.
17 उसने भेंट को समीप ले जाकर मुट्ठी भर लिया और उसे वेदी पर जलाया, यह सुबह की होमबलि के अतिरिक्त था।.
18 अंत में उसने लोगों के लिए शांति-बलि के रूप में बैल और मेढ़े का वध किया। हारून के पुत्रों ने उसका खून उसके सामने पेश किया, जिसे उसने वेदी के चारों ओर छिड़का;
19 और बैल और मेढ़े के चर्बी वाले भाग, अर्थात पूँछ, अंतड़ियों को ढँकने वाली चर्बी, गुर्दे और कलेजे की परत;
20 और उन्होंने चर्बी को छातियों पर रखा, और उसने चर्बी को वेदी पर जलाया।.
21 तब हारून ने मूसा की आज्ञा के अनुसार छाती और दाहिनी जांघ को यहोवा के सामने हिलाकर भेंट चढ़ाई।.
22 इसलिए हारून ने लोगों की ओर हाथ उठाकर उन्हें आशीर्वाद दिया; और पापबलि, होमबलि, और मेलबलि चढ़ाकर नीचे उतरा।.
23 तब मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू में गए, और बाहर आकर लोगों को आशीर्वाद दिया, और यहोवा का तेज सारी प्रजा को दिखाई दिया।,
24 तब यहोवा के सम्मुख से आग निकली और होमबलि और चरबी को वेदी पर भस्म कर दिया। और सब लोग यह देखकर आनन्द से जयजयकार करने लगे और अपने अपने मुंह के बल गिर पड़े।.
अध्याय 10
1 हारून के पुत्र नादाब और अबीहू ने अपने-अपने धूपदान लिए, और उनमें आग भरी, और उन पर धूप डाला, और यहोवा के सम्मुख परोक्ष आग चढ़ाई, जिसकी आज्ञा यहोवा ने उन्हें नहीं दी थी।.
2 तब यहोवा के सम्मुख से आग निकली और उन्हें भस्म कर दिया, और वे यहोवा के सामने मर गए।.
3 तब मूसा ने हारून से कहा, »यहोवा ने यही कहा था, »मैं अपने समीप आनेवालों के बीच पवित्र ठहरूँगा, और सब लोगों की दृष्टि में मेरी महिमा होगी।’” हारून चुप रहा।.
4 तब मूसा ने हारून के चाचा ऊजीएल के पुत्र मीशाएल और एलीसापोन को बुलाकर कहा, »इधर आओ और अपने भाइयों को पवित्रस्थान से अर्थात् छावनी से बाहर ले जाओ।«
5 वे पास आए और उन्हें उनके वस्त्र पहनाकर छावनी से बाहर ले गए, जैसा मूसा ने आज्ञा दी थी।.
6 मूसा ने हारून, एलीआजर और ईतामार से कहा, »अपने सिर के बाल मत बिखराओ, और न अपने वस्त्र फाड़ो, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ, और यहोवा सारी मण्डली पर क्रोधित हो। तुम्हारे भाई अर्थात् इस्राएल का सारा घराना यहोवा की जलाई हुई आग के कारण विलाप करे।”.
7 आपके लिए, »तुम मिलापवाले तम्बू के द्वार के बाहर न निकलना, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; क्योंकि यहोवा का अभिषेक का तेल तुम पर है।” उन्होंने वैसा ही किया जैसा मूसा ने कहा था।.
8 यहोवा ने हारून से कहा,
9 »जब तुम मिलापवाले तम्बू में प्रवेश करो, तब तुम और तुम्हारे पुत्र दाखमधु या कोई और मदिरा न पिएँ, ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में सदा की विधि है।,
10 और तुम पवित्र और अपवित्र, और शुद्ध और अशुद्ध में भेद करना जान लो।,
11 और तुम इस्राएलियों को वे सारी व्यवस्थाएँ सिखा सको जो यहोवा ने मूसा के द्वारा उन्हें दी थीं।.
12 मूसा ने हारून, एलीआजर और ईतामार, जो हारून के बचे हुए दो पुत्र थे, से कहा,
»यहोवा के लिये हव्य में से जो कुछ बचा है उसे वेदी के पास अखमीरी खाओ, क्योंकि वह परमपवित्र है।.
13 तुम उसे पवित्र स्थान में खाओगे; यहोवा के लिये हव्य चढ़ाने का यह तुम्हारा और तुम्हारे पुत्रों का अधिकार है; यही आज्ञा मुझे दी गई है।.
14 तुम खाओगे भी तू, तेरे बेटे-बेटियां, और संगी की छाती और छीनी हुई जांघ, किसी शुद्ध स्थान में ले जा; क्योंकि ये टुकड़े इस्त्राएलियों के मेलबलियों पर तेरे और तेरे पुत्रों के अधिकार में तुझे दिए गए हैं।.
15 और वे जलाई जाने वाली चरबी के अतिरिक्त निकाली हुई जांघ और हिलाई हुई छाती भी यहोवा के साम्हने हिलाने के लिये ले आएं; ये तुम्हारे और तुम्हारे पुत्रों के लिये सदा की विधि ठहरें, जैसे यहोवा ने आज्ञा दी है।«
16 जब मूसा ने पापबलि के बकरे के विषय में पूछताछ की, तो क्या देखा कि वह जला दिया गया है? तब मूसा हारून के बचे हुए पुत्रों एलीआजर और ईतामार पर क्रोधित हुआ, और उनसे कहा,
17 »तुमने पापबलि को पवित्रस्थान में क्यों नहीं खाया? वह तो परमपवित्र है, और यहोवा ने उसे तुम्हें इसलिये दिया है कि तुम मण्डली के अधर्म का भार उठा सको, और यहोवा के साम्हने उसका प्रायश्चित्त करो।”.
18 देखो, बलि का लोहू भीतरी पवित्रस्थान में नहीं लाया गया; तुम्हें उसे पवित्रस्थान में खाना चाहिए था, जैसा कि मैंने आज्ञा दी थी।«
19 हारून ने मूसा से कहा, »देखो, उन्होंने आज यहोवा के सामने अपना पापबलि और होमबलि चढ़ाया है; परन्तु जो कुछ मुझ पर बीता है, उसके बाद यदि मैं आज पापबलि का मांस खाता, तो क्या वह यहोवा को स्वीकार्य होता?«
20 जब मूसा ने ये बातें सुनीं तो वह उनसे बहुत खुश हुआ।.
अध्याय 11
1 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा:
2 »इस्राएल के बच्चों से कहो:
पृथ्वी पर जितने भी पशु हैं, उनमें से तुम ये पशु खा सकते हो:
3 तुम उन सब पशुओं को खा सकते हो जिनके खुर फटे और पांव फटे हुए हैं और जो पागुर करते हैं।.
4 परन्तु तुम उन पशुओं को न खाना जो पागुर करते हैं केवल, या जिनके पास केवल वह ऊँट जो पागुर तो करता है परन्तु जिसके सींग फटे नहीं, वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेगा।.
5 वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेगा, जैसे जर्बो जो पागुर तो करता है परन्तु उसके सींग नहीं फटे होते।.
6 वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेगा, जैसे खरगोश जो पागुर तो करता है परन्तु उसके सींग चिरे नहीं होते।.
7 जैसे सूअर के खुर चिरे और पांव फटे होते हैं, परन्तु वह पागुर नहीं करता, वैसे ही वह भी तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेगा।.
8 तुम उनके मांस को न खाना, और न उनकी लोथ को छूना; वे तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेंगे।.
9 जितने जलचर प्राणी हैं, उन में से तुम इनको खा सकते हो: जितने पंख और शल्क वाले प्राणी हैं, चाहे समुद्र में हो या नदियों में, उन सभों को तुम खा सकते हो।.
10 परन्तु तुम उन सब प्राणियों को घृणित समझोगे जिनके पंख और शल्क नहीं होते, चाहे वे समुद्र में हों या नदियों में, चाहे वे जल में रेंगने वाले सब जन्तुओं में हों या उनमें रहने वाले सब जीवित प्राणियों में।.
11 वे तुम्हारे लिये घृणित होंगे; तुम उनका मांस न खाना, और उनकी लोथ को भी घृणित जानना।.
12 जल में जितने भी जीव-जन्तु हैं जिनके पंख और शल्क नहीं होते, उन्हें तुम घृणित समझोगे।.
13 ये पक्षी हैं जिन्हें तुम घृणित समझो; इन्हें न खाना; ये घृणित हैं: उकाब, कुर और गिद्ध।
14 चील और हर प्रकार के बाज़;
15 हर प्रकार के कौवे;
16 शुतुरमुर्ग, गहरे पीले रंग का उल्लू, सीगल और सभी प्रकार के बाज;
17 उल्लू, जलकाग और खलिहान उल्लू;
18 हंस, हवासिल और दाढ़ीवाला गिद्ध;
19 सारस, सब प्रकार के बगुले, हुदहुद और चमगादड़।.
20 हर पंखदार कीड़े को जो चार पैरों पर चलता है, घृणा समझो।.
21 परन्तु जितने पंख वाले कीड़े चार पैरों पर चलते हैं, उन में से तुम उनको खा सकते हो जिनके पैर ऊपर होते हैं और जो जमीन पर कूदते हैं।.
22 ये वे हैं जिन्हें तुम खा सकते हो: हर प्रकार की टिड्डी, हर प्रकार का सोलाम, हर प्रकार का हरगोल, हर प्रकार का हगाब।.
23 और जो भी पशु चार पैरों वाला हो, उसे तुम घृणित समझोगे।.
24 ये बातें भी तुम्हें अशुद्ध करेंगी: जो कोई उनकी लोथ को छूएगा वह सांझ तक अशुद्ध रहेगा।,
25 और जो कोई उनकी लोथ का कोई भाग उठाए वह अपने वस्त्र धोए, और सांझ तक अशुद्ध रहे।.
26 हर एक पशु जिसके खुर तो चिरे हुए हों, परन्तु पांव फटे न हों, और जो पागुर न करता हो, वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरे; और जो कोई उसे छूए वह भी अशुद्ध ठहरे।.
27 और जो चौपाये पशु अपने पांव के बल चलें वे तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरें; जो कोई उनकी लोथ छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहे;
28 और जो कोई उनकी लोथ उठाए वह अपने वस्त्र धोए, और सांझ तक अशुद्ध रहे। ये पशु तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेंगे।.
29 ये पृथ्वी पर रेंगने वाले छोटे जीव हैं जो तुम्हारे लिए अशुद्ध होंगे: नेवला, चूहा, और हर प्रकार की छिपकली;
30 छछूंदर, गिरगिट, सैलामैंडर, हरी छिपकली और छछूंदर।.
31 ये वे रेंगने वाले जन्तु हैं जो तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरेंगे; जो कोई इनके मरे हुए भाग को छूएगा वह सांझ तक अशुद्ध रहेगा।.
32 जिस किसी वस्तु पर कोई लोथ गिर जाए वह अशुद्ध ठहरेगी, चाहे वह लकड़ी का बर्तन हो, वस्त्र हो, चमड़ा हो, थैला हो, या कोई और वस्तु हो; वह जल में डाल दी जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहेगी; उसके बाद शुद्ध ठहरेगी।.
33 यदि उसमें से कुछ किसी मिट्टी के बर्तन के बीच में गिर जाए, तो जो कुछ भी बीच में है फूलदान का अपवित्र हो जाओगे, और तुम तोड़ दोगे फूलदान.
34 पानी से बना कोई भी भोजन अशुद्ध होगा; कोई भी पेय, चाहे वह किसी भी बर्तन में परोसा गया हो, अशुद्ध होगा।.
35 जिस किसी वस्तु पर उनकी लोथ का कोई भाग पड़े वह अशुद्ध ठहरे; तन्दूर और बर्तन समेत उसका ढक्कन भी नष्ट कर दिया जाए; वे अशुद्ध ठहरें, और तुम उन्हें अशुद्ध समझना।.
36 परन्तु सोते और हौद, जिन में जल के कुंड बनते हैं, वे तो शुद्ध रहेंगे; परन्तु जो कोई किसी लोथ को छूए वह अशुद्ध ठहरेगा।.
37 यदि उनकी लोथ में से कुछ बोए जाने वाले बीज पर गिरे, बीज शुद्ध रहेगा;
38 परन्तु यदि बीज पर जल डाला गया हो और उसकी लोथ का कुछ उस पर गिर जाए, तो तुम उसे अशुद्ध समझना।.
39 यदि तुम्हारे द्वारा खाए गए पशुओं में से कोई मर जाए, तो जो कोई उसके शव को छूएगा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।.
40 जो कोई उसकी लोथ खाए वह अपने वस्त्र धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे; और जो कोई उसकी लोथ उठाए वह अपने वस्त्र धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे।.
41 तुम पृथ्वी पर रेंगने वाले हर प्रकार के जन्तु को घृणित समझोगे; तुम उसे नहीं खाओगे।.
42 तुम धरती पर रेंगने वाले किसी भी जानवर को नहीं खाना, चाहे वे पेट के बल रेंगते हों, चाहे वे चार पैरों पर चलते हों या बहुत पैरों पर; क्योंकि तुम उन्हें घृणित समझोगे।.
43 इन सब रेंगने वाले जन्तुओं से अपने आप को घिनौना न बनाओ; न ही इनके द्वारा अपने आप को अशुद्ध करो; क्योंकि तुम इनके कारण अशुद्ध हो जाओगे।.
44 क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं; इसलिये तुम अपने को पवित्र करो और पवित्र बने रहो, क्योंकि मैं पवित्र हूं; और तुम इन पृथ्वी पर रेंगने वाले जन्तुओं में से किसी के द्वारा अपने को अशुद्ध न करना।.
45 क्योंकि मैं यहोवा हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से इसलिये निकाल लाया हूं कि तुम्हारा परमेश्वर ठहरूं। तुम पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं।«
46 यह व्यवस्था चौपायों, पक्षियों, जल में रेंगने वाले सब जन्तुओं, और पृथ्वी पर रेंगने वाले सब जन्तुओं के विषय में है।,
47 ताकि तुम शुद्ध और अशुद्ध में, अर्थात् खाने योग्य और अखाद्य पशुओं में भेद कर सको।.
अध्याय 12
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएल के बच्चों से कहो—उनका :
जब कोई स्त्री पुत्र को जन्म दे, तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगी; वह अपने मासिक धर्म के दिनों की भाँति अशुद्ध रहेगी।.
3 आठवें दिन बच्चे का खतना किया जाएगा;
4 परन्तु वह अपने शुद्ध होने के खून में और तैंतीस दिन तक रहे; और जब तक उसके शुद्ध होने के दिन पूरे न हो जाएं, तब तक वह किसी पवित्र वस्तु को न छुए, और पवित्रस्थान में न जाए।.
5 यदि वह बेटी को जन्म दे, तो वह अपने मासिक धर्म के समान दो सप्ताह तक अशुद्ध रहेगी, और छियासठ दिन तक अपने शुद्धिकरण के रक्त में रहेगी।.
6 जब उसके शुद्ध होने के दिन पूरे हो जाएँ, तो वह मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास होमबलि के लिये एक वर्ष का मेमना, और पापबलि के लिये कबूतर या पंडुकी का एक बच्चा चढ़ाए।.
7 याजक उन को यहोवा के साम्हने चढ़ाकर उसके लिये प्रायश्चित्त करे, और वह अपने रुधिर के बहने से शुद्ध ठहरेगी। जो स्त्री बेटे वा बेटी को जन्म दे उसके लिये यही व्यवस्था है।.
8 यदि वह मेमना देने में असमर्थ हो, तो दो पंडुकी या कबूतर के दो बच्चे ले, एक होमबलि के लिये और दूसरा पापबलि के लिये; तब याजक उसके लिये प्रायश्चित्त करेगा, और वह शुद्ध ठहरेगी।«
अध्याय 13
1 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा:
2 »जब किसी आदमी के शरीर की त्वचा पर ट्यूमर, दाने या सफेद दाग हो और वह इस प्रकार यदि उसके चर्म पर कोढ़ का व्याधि हो, तो उसे हारून याजक के पास, या उसके किसी याजक पुत्र के पास ले जाया जाए।.
3 याजक उस व्याधि को जो चर्म पर है, देखे; यदि व्याधि के रोएं सफेद हो गए हों और व्याधि चर्म से गहरी दिखाई पड़े, तो जानना कि वह कोढ़ की व्याधि है; याजक उस मनुष्य को जांचकर अशुद्ध ठहराए।.
4 यदि उसके चर्म पर ऐसा सफेद दाग हो जो चर्म से गहरा न दिखाई दे, और उस पर रोएं भी सफेद न हुए हों, तो याजक उस व्यक्ति को सात दिन तक अलग रखे।.
5 सातवें दिन याजक उस रोगी की जांच करे; यदि उसे ऐसा लगे कि घाव में कोई सुधार नहीं हुआ है, और वह चर्म पर नहीं फैला है, तो याजक उसे दूसरी बार सात दिन तक अलग रखे।.
6 सातवें दिन याजक उसको दूसरी बार देखे; यदि व्याधि हल्की हो गई हो और चर्म पर न फैली हो, तो याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए; क्योंकि वह व्याधि दाह है; वह अपने वस्त्र धोए, तब वह शुद्ध ठहरेगा।.
7 परन्तु यदि याजक को शुद्ध ठहराने के पश्चात् भी दाने चर्म पर फैल गए हों, तो वह याजक को दूसरी बार भी अपने को दिखा दे।.
8 याजक उस व्यक्ति को देखे, और यदि दाने चर्म पर फैल गए हों, तो याजक उस व्यक्ति को अशुद्ध घोषित करे; वह कोढ़ है।.
9 यदि किसी व्यक्ति को कोढ़ का फोड़ा हो तो उसे याजक के पास लाया जाए।.
10 याजक उसको देखे, और क्या देखे कि चर्म पर एक उजली सूजन है, और उस सूजन के कारण रोएं भी सफेद हो गए हैं, और उस सूजन में कच्चा मांस सा है;
11 यह उसके चर्म का असाध्य कोढ़ है; इसलिये याजक उसको अशुद्ध ठहराए; और बन्द न रखे, क्योंकि वह मनुष्य अशुद्ध है।.
12 परन्तु यदि कोढ़ चर्म पर फूटकर पूरी त्वचा पर फैल गया हो, जिसके पास है पुजारी की आंखों ने जो कुछ देखा, उसके अनुसार सिर से लेकर पैर तक घाव,
13 याजक उस व्यक्ति की जाँच करेगा, और यदि उसके पूरे शरीर में कोढ़ है, तो वह उसे शुद्ध घोषित करेगा। जिसके पास है घाव: यह पूरी तरह से सफेद हो गया है; यह शुद्ध है।.
14 परन्तु जिस दिन उसमें जीवित मांस पाया जाए, उस दिन वह अशुद्ध ठहरेगा;
15 जब याजक जीवित मांस को देखे, तब वह उसे अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह जीवित मांस अशुद्ध है, वह कोढ़ है।.
16 यदि जीवित मांस बदल जाए और सफेद हो जाए, तो वह व्यक्ति याजक के पास जाएगा।.
17 याजक घाव की जाँच करेगा, और यदि घाव सफेद हो गया है, तो याजक उसे शुद्ध घोषित करेगा। जिसके पास है घाव: यह शुद्ध है।.
18 जब किसी मनुष्य के शरीर पर, अर्थात उसके चर्म पर घाव हो और वह घाव ठीक हो गया हो,
19 यदि फोड़े के स्थान पर सफेद सूजन या लाल-सफेद दाग हो, तो वह व्यक्ति अपने आप को याजक को दिखाएगा।.
20 याजक उसको देखे, और यदि वह दाग चर्म से गहरा हो, और उस में के रोएं सफेद हो गए हों, तो याजक उस को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ का फोड़ा है जो फोड़े में फूट निकला है।.
21 किन्तु यदि याजक देखे कि उस दाग में कोई सफेद बाल नहीं है, वह चर्म से गहरा नहीं है, और वह पीला पड़ गया है, तो वह उस व्यक्ति को सात दिन तक बन्दी बनाए रखेगा।.
22 हाँ, इस दौरान, दाग त्वचा पर फैल गया है; पुजारी उसे अशुद्ध घोषित करेगा: यह एक बीमारी है कुष्ठ रोग का.
23 इसके विपरीत यदि दाग अपनी जगह पर बना हुआ है और फैला नहीं है, तो वह फोड़े का निशान है: याजक उस व्यक्ति को शुद्ध घोषित करेगा।.
24 जब किसी व्यक्ति के शरीर पर, त्वचा पर जलन हो हो गया आग से जलने पर, यदि जलने के निशान पर सफेद या लाल-सफेद दाग बन जाए,
25 याजक उसको देखे, और यदि उस दाग में रोएं उजले हो गए हों और चर्म से गहरे दिखाई दें, तो जानना कि वह कोढ़ है; वह जलने के स्थान में फूट निकला है; और याजक उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ का फोड़ है।.
26 किन्तु यदि याजक देखे कि उस स्थान पर कोई सफेद बाल नहीं है, वह चर्म से गहरा नहीं है, और वह पीला पड़ गया है, तो वह उस व्यक्ति को सात दिन तक बन्दी बनाए रखेगा।.
27 सातवें दिन याजक उस मनुष्य को देखे, और यदि वह दाग चर्म पर फैल गया हो, तो याजक उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; क्योंकि वह कोढ़ है।.
28 परन्तु यदि दाग उसी स्थान पर बना रहे, और चर्म पर न फैला हो, और पीला पड़ गया हो, तो वह जलने के कारण सूजन है; और याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए, क्योंकि वह जलने का निशान है।.
29 यदि किसी पुरुष या स्त्री के सिर या ठोड़ी पर घाव हो, तो याजक घाव की जाँच करेगा।.
30 यदि वह चर्म से गहरा दिखाई दे, और उस पर पीले और पतले बाल हों, तो याजक उस मनुष्य को अशुद्ध ठहराए; वह नतहीक है, अर्थात सिर या ठोड़ी का कोढ़ है।.
31 यदि याजक देखे कि नेतहक़ का घाव त्वचा से ज़्यादा गहरा नहीं है, तो अभी तक यदि वहां काले बाल हैं तो पुजारी उसे सात दिनों तक बंद रखेगा। जिसके पास है नेथेक की महामारी.
32 सातवें दिन याजक घाव को देखे, और यदि घाव फैला हुआ न हो, और उसमें पीले बाल न हों, और घाव चर्म से गहरा न दिखाई दे,
33 जिसके पास नेथेक है वह दाढ़ी बनाएगा, लेकिन वह दाढ़ी नहीं बनाएगा का स्थान घाव पर मरहम-पट्टी की जाएगी और पुजारी उसे दूसरी बार सात दिन के लिए बन्दीगृह में डाल देगा।.
34 सातवें दिन याजक उस घाव को देखे; यदि घाव चर्म पर न फैला हो, और चर्म से गहरा न दिखाई दे, तो याजक उस मनुष्य को शुद्ध ठहराए; वह अपने वस्त्र धोए, और वह शुद्ध ठहरे।.
35 किन्तु यदि शुद्ध घोषित होने के बाद भी नतहीं त्वचा पर फैल जाए,
36 याजक उसको देखे; और यदि वह चर्म पर फैल गया हो, तो याजक को भूरे बाल देखने की आवश्यकता नहीं है; वह मनुष्य अशुद्ध है।.
37 परन्तु यदि याजक को ऐसा लगे कि उस में कुछ भी सुधार नहीं हुआ है, और उस में काले बाल उग आए हैं, तो वह चंगा हो गया है; वह मनुष्य शुद्ध है, और याजक उसको शुद्ध ठहराए।.
38 जब किसी पुरुष या स्त्री के शरीर की त्वचा पर सफेद धब्बे हों,
39 याजक उसको देखे, और यदि उसके चर्म पर हल्के सफेद दाग हों, तो जानना कि चर्म पर दाने निकले हैं; और वह शुद्ध है।.
40 जब किसी आदमी के सिर के बाल झड़ जाते हैं, तो वह गंजा हो जाता है, लेकिन यह शुद्ध है.
41 यदि उसके चेहरे के किनारे के बाल झड़ गए हों, तो उसका माथा गंजा है, लेकिन यह शुद्ध है.
42 परन्तु यदि चन्दुए के आगे या पीछे के भाग में लाल-सफेद रंग का फोड़ा हो, तो वह कोढ़ है जो आगे या पीछे के भाग में फूट निकला है।.
43 यदि याजक उस घाव को देखे, और यदि उस गंजे भाग में पीछे या आगे की ओर लाल-सफेद सूजन हो, जो चर्म के कोढ़ के समान हो,
44 यदि वह कोढ़ी हो, तो वह अशुद्ध है; याजक उसको अशुद्ध ठहराए; क्योंकि उसका घाव उसके सिर पर है। कुष्ठ रोग का.
45 जो कोढ़ी व्याधि से पीड़ित हो, वह अपने फटे हुए वस्त्र पहिनेगा, अपने बाल खुले रखेगा, वह अपनी दाढ़ी ढांपेगा और चिल्लाएगा, अशुद्ध! अशुद्ध!
46 जब तक उसका दुःख बना रहे, तब तक वह अशुद्ध रहेगा; वह अशुद्ध रहेगा; वह अकेला रहेगा; उसका निवास छावनी के बाहर होगा।.
47 जब किसी वस्त्र पर कोढ़ का फोड़ा दिखाई दे, चाहे वह लिनेन का हो या ऊन का,
48. ताना या बाना, चमड़े या चमड़े से बनी किसी वस्तु के लिए लिनन या ऊनी धागा,
49 यदि वह व्याधि वस्त्र पर, वा चमड़े पर, वा ताने वा बाने के धागे पर, वा चमड़े की बनी किसी वस्तु पर हरी वा लाल हो, तो वह व्याधि कोढ़ की है; और उसे याजक को दिखाया जाए।.
50 याजक घाव की जाँच करने के बाद उसे सात दिन तक अलग रखेगा वह वस्तु जो घाव.
51 सातवें दिन वह व्याधि को देखे; यदि व्याधि वस्त्र पर, वा ताने वा बाने पर, वा चमड़े पर, वा चमड़े की बनी किसी वस्तु पर फैल गई हो, तो जानना कि वह व्याधि नाशक कोढ़ है; और वह वस्तु अशुद्ध है।.
52 वह उस वस्त्र को, चाहे वह ताने या बाने के लिये बना हो, चाहे वह चमड़े का बना हो, चाहे वह कोई वस्तु हो जिस पर वह व्याधि हो, जला दे; क्योंकि वह व्याधि भयंकर कोढ़ है; वह वस्तु आग में जला दी जाए।.
53 लेकिन अगर याजक देखे कि घाव कपड़े तक, या ताने या बाने तक, या चमड़े की बनी किसी चीज़ तक नहीं फैला है,
54 वह धोएगा वह वस्तु जो घाव पर मरहम-पट्टी की जाएगी और वह उसे दूसरी बार सात दिन के लिए बंदीगृह में डाल देगा।.
55 याजक घाव की जाँच करेगा, सात दिन यदि वह वस्तु धोने के बाद भी शुद्ध न हो, और न फैली हो, तो वह अशुद्ध है; और यदि वह वस्तु आगे या पीछे कोढ़ से खा गई हो, तो उसे आग में जला देना।.
56 किन्तु यदि याजक देखे कि घाव है, सात दिन जब वह धुल जाएगा और पीला पड़ जाएगा, तो वह उसे वस्त्र, चमड़े या ताने या बाने के लिए प्रयुक्त धागे से खींच लेगा।.
57 यदि वह पुनः प्रकट हो अगला यदि कोई दाना कपड़े पर, ताने-बाने के धागे पर, या चमड़े से बनी किसी वस्तु पर दिखाई दे तो वह कोढ़ का दाना है; तुम उस दाना से प्रभावित वस्तु को आग में जला देना।.
58 परन्तु वह वस्त्र, चाहे ताने का धागा हो, चाहे बाने का धागा, चाहे चमड़े की कोई वस्तु हो, जिसे तू ने धोया हो और जिस पर व्याधि मिट गई हो, वह दूसरी बार धुल जाए, तब वह शुद्ध ठहरेगा।.
59 कोढ़ की महामारी के विषय में यह व्यवस्था है जो हमला करता है ऊनी या सनी के वस्त्र, ताना या बाना धागा, चमड़े से बनी कोई भी वस्तु, इन चीजों को शुद्ध या अशुद्ध घोषित करना।«
अध्याय 14
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »कोढ़ी के शुद्ध होने के दिन उसके विषय में यह व्यवस्था है: उसे याजक के पास लाया जाए,
3 और याजक छावनी के बाहर जाकर उसको देखे, और यदि वह कोढ़ी अपने कोढ़ से चंगा हो गया हो,
4 याजक आदेश देगा कि शुद्ध किये जाने वाले पक्षी के लिए दो जीवित पक्षी लाए जाएँ। और शुद्ध, देवदार, लाल और हिस्सोप।.
5 याजक एक पक्षी को ताजे पानी पर मिट्टी के बर्तन के ऊपर बलि करेगा।.
6 फिर वह जीवित पक्षी, देवदार की लकड़ी, लाल रंग और जूफा लेकर, उन्हें जीवित पक्षी समेत उस पक्षी के खून में डुबा दे जो बहते पानी में बलि किया गया है।.
7 वह कोढ़ से शुद्ध होने वाले व्यक्ति पर सात बार छिड़ककर उसे शुद्ध घोषित करेगा, और जीवित पक्षी को खुले मैदान में छोड़ देगा।.
8 जो शुद्ध ठहरेगा वह अपने वस्त्र धोए, और सब बाल मुण्डाकर जल से स्नान करे; तब वह शुद्ध ठहरेगा। तब वह छावनी में तो आ सकेगा, परन्तु सात दिन तक अपने डेरे से बाहर ही रहेगा।.
9 सातवें दिन वह अपने सिर, दाढ़ी, भौंहों के सारे बाल मुँड़वा ले, वह अपने सारे बाल मुँड़वा ले; वह अपने वस्त्र धोए और जल से स्नान करे, तब वह शुद्ध हो जाएगा।.
10 आठवें दिन वह दो निर्दोष मेमने और एक वर्ष की एक निर्दोष भेड़ी ले, और अन्नबलि के लिये तेल से सना हुआ एपा का तीन दसवां अंश मैदा और एक लोज तेल ले।.
11 जो याजक शुद्धि का काम करेगा, वह शुद्धि किए हुए मनुष्य को और इन सब वस्तुओं को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने खड़ा करेगा।.
12 तब याजक एक भेड़ का बच्चा लेकर उसे दोषबलि करके चढ़ाए, और उस लोज भर तेल को भी यहोवा के साम्हने हिलाने की भेंट करके चढ़ाए।.
13 वह मेमने को उस स्थान पर बलि करेगा जहाँ पापबलि और होमबलि चढ़ाए जाते हैं, जानना, पवित्र स्थान में; क्योंकि पापबलि के समान प्रायश्चित्त के बलिदान में भी बलि याजक का है: वह परम पवित्र वस्तु है।.
14 याजक दोषबलि के लोहू में से कुछ लेकर शुद्ध होने वाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पांव के अंगूठों पर लगाए।.
15 याजक तेल की लोज लेगा और उसमें से कुछ अपनी बाईं हथेली की हथेली में डालेगा।.
16 याजक अपने दाहिने हाथ की उँगली अपने बाएँ हाथ की हथेली के तेल में डुबोए, और उस उँगली से यहोवा के सामने सात बार तेल छिड़के।.
17 तब याजक अपनी हथेली पर बचे हुए तेल में से कुछ शुद्ध होने वाले के दाहिने कान के सिरे पर, उसके दाहिने हाथ और दाहिने पांव के अंगूठों पर, दोषबलि के लोहू के ऊपर लगाएगा।.
18 याजक अपनी हथेली में बचे हुए तेल को शुद्ध होने वाले व्यक्ति के सिर पर डालेगा और याजक उसके लिए यहोवा के सामने प्रायश्चित करेगा।.
19 तब याजक पापबलि चढ़ाए, और उस व्यक्ति के लिए प्रायश्चित करे जो अपनी अशुद्धता से शुद्ध हो गया है।. अंत में, नरसंहार का वध करके,
20 याजक वेदी पर अन्नबलि के साथ होमबलि चढ़ाए, और उस मनुष्य के लिये प्रायश्चित्त करे, और वह शुद्ध ठहरेगा।.
21 यदि वह निर्धन हो और उसके पास साधन न हों, तो वह अपने प्रायश्चित के लिये एक मेमना दोषबलि के रूप में, अर्थात् हिलाने की भेंट के रूप में ले। वह दसवाँ भाग ले। इफ़ा का अन्नबलि के लिये तेल से गूंधे हुए मैदे का एक टुकड़ा, और लोज भर तेल;
22 और अपनी अपनी सामर्थ के अनुसार दो पंडुक या कबूतरी के दो बच्चे चढ़ाना; एक पापबलि के लिये और दूसरा होमबलि के लिये।.
23 आठवें दिन वह उन्हें यहोवा के सामने मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास शुद्धिकरण के लिये ले आएगा।.
24 याजक दोषबलि के मेमने और तेल की लोज लेकर यहोवा के आगे हिलाए।.
25 और याजक दोषबलि के मेमने को बलि चढ़ाने के बाद दोषबलि के लोहू में से कुछ लेकर शुद्ध ठहराए जाने वाले के दाहिने कान के सिरे पर, और उसके दाहिने हाथ और दाहिने पांव के अंगूठों पर लगाए।.
26 तब याजक अपने बाएँ हाथ के खोखले भाग में तेल डालेगा।.
27 याजक अपने बाएँ हाथ के तेल को अपने दाहिने हाथ की उँगली से यहोवा के सामने सात बार छिड़केगा।.
28 याजक अपनी हथेली पर के तेल में से कुछ शुद्ध होने वाले के दाहिने कान के सिरे पर, उसके दाहिने हाथ के अँगूठे और दाहिने पाँव के अँगूठे पर, उस स्थान पर लगाए जहाँ उसने दोषबलि के लोहू में से कुछ लगाया है।.
29 याजक अपनी हथेली में बचे हुए तेल को शुद्ध होने वाले व्यक्ति के सिर पर डालेगा, जिससे यहोवा के सामने उसके लिए प्रायश्चित किया जा सके।.
30 फिर वह एक कबूतर या कबूतर के बच्चे को, जो वह प्राप्त कर सके, बलि चढ़ाएगा।,
31 एक पापबलि के लिये और दूसरा अन्नबलि समेत होमबलि के लिये चढ़ाया जाए; और याजक शुद्ध होनेवाले के लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे।.
32 जो व्यक्ति कोढ़ से पीड़ित है और जिसके पास साधन नहीं हैं, उसके शुद्धिकरण के लिए यही नियम है।«
33 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा:
34 »जब तुम कनान देश में प्रवेश करोगे, जिसे मैं तुम्हें अधिकार में लेने के लिए दे रहा हूँ, और यदि मैं तुम्हारे अधिकार में आने वाले देश में किसी घर पर कोढ़ की बीमारी फैलाऊँ,
35 घर का स्वामी जाकर याजक को बताए, और कहे, “मुझे घाव जैसा कुछ दिखाई देता है।” कुष्ठ रोग का मेरे घर पर.
36 याजक घाव की जाँच करने के लिए घर में प्रवेश करने से पहले घर को खाली करवाए, ताकि उसमें की कोई भी चीज़ अशुद्ध न हो जाए; उसके बाद याजक घर की जाँच करने के लिए घर में प्रवेश करे।.
37 याजक घाव की जाँच करे। यदि घर की दीवारों पर घाव में हरे या लाल रंग के गड्ढे हों जो दीवार में धँसे हुए दिखाई देते हों,
38 याजक घर से बाहर द्वार पर जाए और घर को सात दिन तक बन्द रखे।.
39 यदि याजक सातवें दिन फिर आए, और देखे कि व्याधि घर की दीवारों तक फैल गई है,
40 वह आदेश देगा कि विपत्ति से पीड़ित पत्थरों को हटा दिया जाए और शहर के बाहर किसी अशुद्ध स्थान पर फेंक दिया जाए।.
41 वह सारे घर को भीतर से खुरचकर साफ़ करवाए, और जो धूल खुरचकर उड़ाई जाए उसे नगर के बाहर किसी अशुद्ध स्थान में डाल दे।.
42 दूसरे पत्थर लेकर उनके स्थान पर लगाए जाएंगे, और भवन पर फिर से लेप करने के लिए दूसरा गारा लिया जाएगा।.
43 यदि पत्थर निकाल दिए जाने, घर को खुरचने और पलस्तर को फिर से चढ़ा दिए जाने के बाद भी घर में विपत्ति फिर से फैल जाए,
44 याजक लौटकर उसको देखे, और यदि वह व्याधि घर में फैल गई हो, तो जान ले कि वह घर घात करने वाला कोढ़ है; वह अशुद्ध है।.
45 वे घर को, उसके पत्थरों, लकड़ी और गारे को तोड़ डालें, और इन सब वस्तुओं को नगर से बाहर किसी अशुद्ध स्थान में ले जाएं।.
46 जो कोई उस पूरे समय के दौरान घर में प्रवेश करेगा जब तक कि वह बंद घोषित किया गया है, वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।.
47 जो कोई घर में सोया हो उसे अपने कपड़े धोने चाहिए। जो कोई घर में खाया हो उसे अपने कपड़े धोने चाहिए। भी उसके कपड़े.
48 परन्तु यदि याजक घर में लौटकर देखे कि घर में लेप लगाने के बाद भी व्याधि नहीं फैली है, तो वह घर को शुद्ध घोषित करे, क्योंकि व्याधि ठीक हो गई है।.
49 वह घर को शुद्ध करने के लिये दो पक्षी, देवदारु की लकड़ी, लाल रंग का कपड़ा और जूफा ले;
50 फिर वह एक पक्षी को बहते हुए जल के ऊपर मिट्टी के पात्र में बलि करेगा।.
51 फिर वह देवदार की लकड़ी, जूफा, लाल कपड़ा और जीवित पक्षी को लेकर, उन्हें बलि किए हुए पक्षी के लोहू और जीवन देने वाले जल में डुबाए, और घर पर सात बार छिड़के।.
52 वह उस घर को पक्षी के लहू, और जीवन देने वाले जल, और जीवित पक्षी, और देवदारु की लकड़ी, और जूफा, और लाल रंग के कपड़े से शुद्ध करेगा।.
53 और वह उस पक्षी को जीवित नगर के बाहर मैदान में छोड़ दे। इस प्रकार वह घर के लिये प्रायश्चित्त करेगा, और वह शुद्ध हो जाएगा।.
54 हर एक कोढ़ और नपुंसकता के लिये यही व्यवस्था है,
55 कपड़ों और घरों को प्रभावित करने वाले कुष्ठ रोग के लिए,
56 ट्यूमर, एक्जिमा और धब्बों के लिए;
57 यह बताता है कि कौन सी चीज़ शुद्ध है और कौन सी अशुद्ध। कोढ़ की व्यवस्था यही है।«
अध्याय 15
1 यहोवा ने मूसा और हारून से कहा:
2 »इस्राएल के लोगों से कहो,
जिस किसी भी व्यक्ति को गोनोरिया है, वह इसके कारण अशुद्ध है।.
3 और उसके स्राव से जो अशुद्धता है वह यह है: चाहे उसके शरीर से स्राव बहता रहे, चाहे उसके शरीर से स्राव रुका रहे, तौभी अशुद्धता है।.
4 जिस किसी बिछौने पर प्रमेह का रोगी लेटे वह सब अशुद्ध ठहरेगा; और जिस किसी वस्तु पर वह बैठे वह भी अशुद्ध ठहरेगी।.
5 जो कोई उसके बिछौने को छूए वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे।.
6 जो कोई उस वस्तु पर बैठे जिस पर प्रमेह से पीड़ित व्यक्ति बैठा हो, वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे।.
7 जो कोई किसी ऐसे व्यक्ति के शरीर को छूता है जिसके स्राव होता है, उसे अपने कपड़े धोने चाहिए और पानी से स्नान करना चाहिए, और वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।.
8 यदि प्रमेह का रोगी किसी शुद्ध मनुष्य पर थूके, तो उस मनुष्य को अपने वस्त्र धोने चाहिए और जल से स्नान करना चाहिए, और वह सांझ तक अशुद्ध रहेगा।.
9 जिस किसी काठी पर प्रमेह से पीड़ित व्यक्ति बैठा हो वह भी अशुद्ध हो जाएगी।.
10 जो कोई किसी ऐसी वस्तु को छूए जो उसके नीचे रही हो, वह सांझ तक अशुद्ध रहे; और जो कोई उसे उठाए, वह अपने वस्त्र धोए और जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे।.
11 यदि किसी व्यक्ति को किसी ऐसे व्यक्ति ने छुआ हो जिसने अपने हाथ पानी से नहीं धोए हों, तो उसे अपने कपड़े धोने चाहिए और पानी से स्नान करना चाहिए। वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।.
12 जिस किसी मिट्टी के बर्तन को प्रमेह वाले ने छुआ हो, वह तोड़ दिया जाए, और हर एक लकड़ी का बर्तन जल से धोया जाए।.
13 जब प्रमेह का रोगी अपने प्रमेह से शुद्ध हो जाए, तब वह अपने शुद्ध होने के लिये सात दिन गिन ले; तब वह अपने वस्त्रों को धोए, और ताजे जल से स्नान करे, तब वह शुद्ध ठहरेगा।.
14 आठवें दिन वह दो पंडुक या कबूतर के दो बच्चे लेकर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सम्मुख आए, और उन्हें याजक को दे।.
15 याजक उन में से एक को पापबलि और दूसरे को होमबलि करके चढ़ाए; और याजक उसके लिये उसके स्राव के कारण यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे।.
16 जो पुरुष वीर्य स्खलित हो जाए वह जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे।.
17 जो वस्त्र या चमड़ा वीर्य से प्रभावित हो उसे जल से धोया जाए और वह शाम तक अशुद्ध रहे।.
18 यदि कोई स्त्री किसी पुरुष के साथ सोए और उसके साथ यौन संबंध बनाए, तो वह और उसका पति जल से स्नान करें, और वे शाम तक अशुद्ध रहें।.
19 यदि किसी स्त्री को रक्तस्राव हो तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगी, और जो कोई उसे छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहेगा।.
20 अपनी अशुद्धता के दौरान वह जिस किसी चीज़ पर लेटेगी वह अशुद्ध हो जाएगी, और जिस किसी चीज़ पर बैठेगी वह भी अशुद्ध हो जाएगी।.
21 जो कोई उसके बिछौने को छूएगा, उसे अपने कपड़े धोने होंगे और पानी से नहाना होगा। वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।.
22 जो कोई किसी ऐसी वस्तु को छूता है जिस पर वह रखी गई हो सीटवह अपने कपड़े धोएगा, पानी से नहाएगा और शाम तक अशुद्ध रहेगा।
23 अगर बिस्तर या सीट पर कोई चीज़ है जिस पर वह बैठी है सीटजो कोई उसे छूएगा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।
24 यदि कोई पुरुष उस स्त्री के साथ सोए और उसकी अशुद्धता उस पर आ पड़े, तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगा, और जिस जिस बिछौने पर वह लेटे वह भी अशुद्ध ठहरेगा।.
25 यदि किसी स्त्री को सामान्य समय के अलावा कई दिनों तक रक्तस्राव होता रहे, या यदि उसका रक्तस्राव उसके अशुद्ध होने के समय के बाद भी जारी रहे, तो वह उस पूरे रक्तस्राव के समय के लिए अशुद्ध रहेगी, जैसे कि उसके मासिक धर्म के समय के दौरान थी।.
26 इस पूरे समय में जिस किसी बिछौने पर वह लेटे वह उसके लिये उसके मासिक धर्म के समय के बिछौने के समान ठहरेगा, और जिस किसी वस्तु पर वह बैठेगी वह भी उसके मासिक धर्म के समय के समान अशुद्ध ठहरेगी।.
27 जो कोई उन को छूएगा वह अशुद्ध हो जाएगा; उसे अपने वस्त्र धोने होंगे और जल से स्नान करना होगा, और वह सांझ तक अशुद्ध रहेगा।.
28 जब वह स्त्री अपने स्राव से शुद्ध हो जाए, तो सात दिन गिनें, उसके बाद वह शुद्ध हो जाएगी।.
29 आठवें दिन वह दो पंडुक या कबूतर के दो बच्चे लेकर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास ले आए।.
30 याजक उन में से एक को पापबलि और दूसरे को होमबलि करके चढ़ाए; और याजक उसके लिये यहोवा के साम्हने प्रायश्चित्त करे, क्योंकि उसके स्राव के कारण वह अशुद्ध हुई थी।.
31 तू इस्राएलियों को अपनी अशुद्धता से शुद्ध होने की शिक्षा देना, कहीं ऐसा न हो कि वे अपनी अशुद्धता के कारण मर जाएं, और मेरे निवासस्थान को जो उनके बीच में है अशुद्ध कर दें।.
32 यह उस आदमी के लिए नियम है जो सूजाक से पीड़ित है या वीर्य के कारण अशुद्ध है,
33 और उस स्त्री के विषय में जो रजोधर्म से पीड़ित है, और हर एक मनुष्य के विषय में जो रजोधर्म से पीड़ित है, चाहे वह पुरुष हो या स्त्री, और उस पुरुष के विषय में जो अशुद्ध स्त्री के संग सोता है।«
अध्याय 16
1 यहोवा ने मूसा से तब बात की जब हारून के दो पुत्र यहोवा के सामने आते ही मारे गए।.
2 यहोवा ने मूसा से कहा, »अपने भाई हारून से कह कि वह पवित्रस्थान में, बीचवाले पर्दे के अन्दर, और सन्दूक के ऊपर वाले प्रायश्चित्त वाले ढकने के सामने कभी न आए, कहीं ऐसा न हो कि वह मर जाए; क्योंकि मैं प्रायश्चित्त वाले ढकने के ऊपर बादल में दिखाई देता हूँ।.
3 हारून को पवित्रस्थान में प्रवेश करने के लिए यही रीति अपनानी होगी।. वह ले जाएगा पापबलि के लिये एक बछड़ा और होमबलि के लिये एक मेढ़ा।.
4 वह पवित्र सनी के कपड़े का अंगरखा और सनी के कपड़े की जांघिया पहनेगा; वह सनी के कपड़े का कमरबंद पहनेगा और अपने सिर को सनी के कपड़े की पगड़ी से ढँकेगा; ये ही पवित्र वस्त्र हैं जिन्हें उसे जल से स्नान करने के बाद पहनना होगा।.
5 वह इस्राएलियों की मण्डली से पापबलि के लिये दो बकरे और होमबलि के लिये एक मेढ़ा ले।.
6 हारून अपने बैल को पापबलि के रूप में चढ़ाएगा, और वह अपने और अपने घराने के लिए प्रायश्चित करेगा।.
7 फिर वह उन दो बकरों को लेकर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने खड़ा करेगा।.
8 हारून दोनों बकरों के लिए चिट्ठियाँ डालेगा, एक चिट्ठी यहोवा के लिए और एक चिट्ठी अजाजेल के लिए।.
9 हारून उस बकरे को, जिस पर चिट्ठी निकली हो, यहोवा के पास ले आएगा और उसे पापबलि के रूप में चढ़ाएगा।.
10 और जिस बकरे पर अजाजेल के लिए चिट्ठी निकले, उसे वह यहोवा के सामने जीवित खड़ा करेगा, कि उसके लिये प्रायश्चित किया जाए। और उसे अज़ाजेल के लिए रेगिस्तान में छोड़ दिया जाए।.
11 हारून भेंट चढ़ाएगा इसलिए पापबलि का बछड़ा जो उसका है, वह अपने और अपने घराने के लिये प्रायश्चित्त करेगा। जब वह पापबलि के बछड़े को बलि कर चुका हो,
12 वह यहोवा के सम्मुख की वेदी पर से जलते हुए कोयलों से भरा हुआ धूपदान और दो मुट्ठी पिसी हुई सुगन्धित धूप ले, और इन सब वस्तुओं को बीचवाले पर्दे के भीतर ले जाकर,
13 वह धूप को यहोवा के सामने आग पर रखेगा, जिससे धूप का बादल साक्षीपत्र के ऊपर वाले प्रायश्चित्त के ढकने को ढक ले, और कि वह न मरे।.
14 वह बछड़े के खून में से कुछ लेगा और उसे अपनी उंगली से प्रायश्चित्त के ढकने के पूर्वी मुख पर छिड़केगा, और वह उस खून में से कुछ को प्रायश्चित्त के ढकने के सामने सात बार छिड़केगा।.
15 वह लोगों के लिए पापबलि के बकरे को बलि करेगा, और उसका खून बीच वाले पर्दे के भीतर लाएगा और उसे छिड़केगा जैसे उसने बैल का खून छिड़का था। एक बार दया आसन पर और सात बार दया आसन के सामने।.
16 इस प्रकार वह इस्त्राएलियों की अशुद्धता और उनके सब अपराधों के कारण पवित्रस्थान के लिये प्रायश्चित्त करेगा, और उनके पाप के अनुसार मिलापवाले तम्बू के लिये भी, जो उनकी अशुद्धता के बीच उनके बीच रहता है, वह वैसा ही प्रायश्चित्त करेगा।.
17 जब कोई व्यक्ति प्रायश्चित्त करने के लिये पवित्रस्थान में प्रवेश करे, तब से लेकर जब तक वह बाहर न निकले, तब तक कोई भी मिलापवाले तम्बू में न रहे। वह अपने, अपने घराने और इस्राएल की सारी मण्डली के लिये प्रायश्चित्त करे।.
18 वह यहोवा के सम्मुख वेदी के पास जाकर वेदी के लिये प्रायश्चित्त करे; और बछड़े और बकरे के लोहू में से कुछ लेकर वेदी के चारों सींगों पर लगाए।.
19 वह अपनी उंगली से वेदी पर सात बार खून छिड़केगा; और उसे इस्राएलियों की अशुद्धता से शुद्ध और पवित्र करेगा।.
20 जब वह पवित्रस्थान, मिलापवाले तम्बू और वेदी के लिये प्रायश्चित्त कर चुका हो, तब वह जीवित बकरे को समीप ले आए।.
21 और हारून अपने दोनों हाथ जीवित बकरे के सिर पर रखे, और इस्त्राएलियों के सब अधर्म के कामों और उनके सब अपराधों को, उनके पाप के अनुसार, उस पर अंगीकार करे; और उन्हें बकरे के सिर पर रखे, और तब उसे किसी तैयार किए हुए मनुष्य के हाथ से जंगल में भेज दे।.
22 बकरा उनके सारे अधर्म के कामों को निर्जन देश में ले जाएगा, और मनुष्य बकरे को जंगल में छोड़ देगा।.
23 तब हारून मिलापवाले तम्बू में प्रवेश करेगा; और जो सनी के वस्त्र उसने पवित्रस्थान में जाने के लिये पहने थे, उन्हें उतारकर वहीं रख देगा।,
24 वह किसी पवित्र स्थान में जल से स्नान करेगा और अपने वस्त्र पहनेगा।.
25 तब वह बाहर जाकर अपना और सब लोगों का होमबलि चढ़ाए, और अपने और सब लोगों के लिये प्रायश्चित्त करे, और पापबलि की चरबी को वेदी पर जलाए।.
26 जो व्यक्ति अज़ाजेल के लिए बकरे को छोड़ दे, वह अपने वस्त्र धोए और जल से स्नान करे; और उसके बाद वह छावनी में लौट आए।.
27 पापबलि के बछड़े और पापबलि के बकरे, जिनका खून प्रायश्चित्त के लिये पवित्रस्थान में लाया गया है, छावनी के बाहर ले जाए जाएं, और उनकी खाल, मांस और मल को आग में जला दिया जाए।.
28 जो व्यक्ति उन्हें जलाए वह अपने वस्त्र धोए और जल से स्नान करे; उसके बाद वह छावनी में लौट जाए।.
29 तुम्हारे लिये यह सदा की विधि होगी: सातवें महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने प्राणों को दु:ख देना, और किसी प्रकार का काम काज न करना, चाहे देशी हो चाहे तुम्हारे बीच रहने वाला परदेशी हो।.
30 क्योंकि उस दिन तुम्हारे लिये प्रायश्चित्त किया जाएगा, जिस से तुम शुद्ध होगे; और तुम यहोवा के साम्हने अपने सब पापों से शुद्ध ठहरोगे।.
31 वह दिन तुम्हारे लिये विश्राम का दिन ठहरे; उस में तुम अपने अपने प्राणों को दु:ख देना; यह सदा की विधि है।.
32 प्रायश्चित किया जाएगा, भविष्य में, बोलना बड़ा एक याजक जिसका अभिषेक हो चुका है और जिसे अपने पिता के स्थान पर याजकीय कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया है। वह सन के वस्त्र, पवित्र वस्त्र पहनेगा।.
33 वह पवित्रस्थान के लिये प्रायश्चित्त करेगा, वह मिलापवाले तम्बू और वेदी के लिये प्रायश्चित्त करेगा होमबलि ; वह याजकों और सभा के सभी लोगों के लिए प्रायश्चित करेगा।.
34 यह तुम्हारे लिये सदा की विधि होगी, कि इस्त्राएलियों के पापों के कारण प्रति वर्ष एक बार प्रायश्चित्त किया जाए।«
उन्होंने वही किया जो यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
अध्याय 17
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »हारून और उसके पुत्रों और इस्राएल के सभी बच्चों से कहो, यहोवा ने यह आज्ञा दी है।.
3 इस्राएल के घराने का हर एक पुरुष जो चाहे छावनी के भीतर हो या बाहर, बैल, भेड़ या बकरी का वध करे,
4 यदि वह उसको यहोवा के निवासस्थान के साम्हने यहोवा के लिये भेंट करके चढ़ाने के लिये मिलापवाले तम्बू के द्वार पर न ले आए, तो उस मनुष्य के खून का दोष उसी के सिर पर लगाया जाएगा; और वह मनुष्य खून करने वाला ठहरेगा, और अपने लोगों के बीच में से नाश किया जाएगा।.
5 यह है ताकि इस्राएली अपने पशुओं को खुले मैदान में बलि चढ़ाने के बजाय, मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के सामने याजक के पास लाएँ, और उन्हें मेलबलि के रूप में यहोवा को चढ़ाएँ।.
6 याजक मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा की वेदी पर खून छिड़केगा, और यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्ध के लिये चरबी जलाएगा।.
7 वे फिर उन दुष्टों के लिये बलि न चढ़ाएँ जिनके साथ वे व्यभिचार करते थे। यह उनके लिये पीढ़ी-दर-पीढ़ी सदा की विधि ठहरे।.
8 तुम उनसे यह भी कहना: इस्राएल के घराने या उनके बीच रहने वाले विदेशियों में से कोई भी व्यक्ति जो होमबलि या अन्य त्याग करना,
9 और जो मनुष्य यहोवा के लिये बलि चढ़ाने को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर बलि न ले आए, वह मनुष्य अपने लोगों के बीच से नाश किया जाए।.
10 इस्राएल के घराने में से वा उनके बीच रहने वाले परदेशियों में से कोई मनुष्य यदि किसी पशु का लोहू खाए, तो मैं उस लोहू खाने वाले के विमुख हो जाऊंगा, और उसे उसके लोगों के बीच में से नाश कर डालूंगा;
11 क्योंकि शरीर का प्राण लोहू में रहता है, और उसको मैं ने तुम लोगों को वेदी पर चढ़ाने के लिये दिया है, कि तुम्हारे प्राणों के लिये प्रायश्चित्त किया जाए; क्योंकि प्राण के द्वारा लोहू से प्रायश्चित्त होता है।.
12 इसलिये मैंने इस्राएलियों से कहा, तुम में से कोई भी व्यक्ति खून न खाए, और जो परदेशी तुम्हारे बीच रहता हो वह भी खून न खाए।.
13 इस्त्राएलियों में से वा उनके बीच रहने वाले परदेशियों में से कोई मनुष्य यदि अहेर करके कोई पशु वा पक्षी मारे जो खाने के योग्य हो, तो वह उसका लोहू बहाकर उस पर मिट्टी डाल दे;
14 क्योंकि हर प्राणी का प्राण उसका लोहू ही है; वही उसका जीवन है। इस कारण मैंने इस्राएलियों से कहा, “तुम किसी प्राणी का लोहू न खाना, क्योंकि हर प्राणी का प्राण उसका लोहू ही है; जो कोई उसे खाए वह नाश किया जाएगा।”.
15 चाहे वह देश में जन्मा हो या परदेशी, यदि कोई ऐसा प्राणी खाए जो अपने आप मरा हो या जंगली पशुओं ने फाड़ा हो, तो वह अपने वस्त्र धोकर जल से स्नान करे, और सांझ तक अशुद्ध रहे; तत्पश्चात् वह शुद्ध हो जाएगा।.
16 यदि वह अपने वस्त्र और शरीर को न धोए, तो उसे अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा।«
अध्याय 18
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएल के लोगों से कहो,
मैं यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।.
3 तुम मिस्र देश में जहां तुम रहते थे, वहां के लोगों के समान काम न करना, और कनान देश में जहां मैं तुम्हें ले जा रहा हूं, वहां के लोगों के समान काम न करना; तुम उनके नियमों का पालन न करना।.
4 तुम मेरे नियमों पर चलना, और मेरी विधियों पर चलना; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
5 तुम मेरी व्यवस्था और नियमों का पालन करना; जो मनुष्य उन पर चलेगा, वह उनके कारण जीवित रहेगा। मैं यहोवा हूं।.
6 तुम में से कोई अपनी निकट कुटुम्बिनी स्त्री के पास उसका तन उघाड़ने के लिये न जाए; मैं यहोवा हूं।.
7 तू अपने पिता और अपनी माता का तन न उघाड़ना; वह तो तेरी माता है, इसलिये तू उसका तन न उघाड़ना।.
8 तू अपने पिता की पत्नी का तन न उघाड़ना; वह तेरे पिता का तन है।.
9 आप आपको पता नहीं चलेगा अपनी बहिन का तन न उघाड़ना, चाहे वह तुम्हारे पिता की बेटी हो या तुम्हारी माँ की बेटी, चाहे वह घर में पैदा हुई हो या घर के बाहर; तुम उसका तन न उघाड़ना।.
10 अपनी पोती वा अपनी नतिनी का तन न उघाड़ना, क्योंकि वह तुम्हारा अपना तन है।.
11 तू अपने पिता की पत्नी की बेटी का तन न उघाड़ना, जो तेरे पिता से उत्पन्न हुई हो; वह तो तेरी बहिन है।.
12 तू अपनी फूफी का तन न उघाड़ना; वह तो तेरे पिता की देह है।.
13 अपनी माँ की बहन का तन न उघाड़ना; वह तुम्हारी माँ की माँ है।.
14 अपने पिता के भाई की पत्नी के पास जाकर उसका तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारी मौसी है।.
15 अपनी बहू का तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारे बेटे की पत्नी है, इस कारण उसका तन न उघाड़ना।.
16 तू अपने भाई की पत्नी का तन न उघाड़ना; वह तेरे भाई का तन है।.
17 तुम किसी स्त्री और उसकी बेटी का तन न उघाड़ना; तुम उसके बेटे की बेटी या उसकी बेटी की बेटी को उनका तन उघाड़ने के लिए न लेना; वे निकट सम्बन्धी हैं, यह पाप है।.
18 अपनी पत्नी की बहन को अपनी प्रतिद्वन्द्वी न बनाना, और जब तक वह जीवित रहे, अपनी पत्नी के साथ उसका तन न उघाड़ना।.
19 तुम किसी स्त्री के मासिक धर्म के समय उसके पास जाकर उसका नग्न शरीर न उघाड़ना।.
20 तुम अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ यौन संबंध नहीं रखना, उसके साथ अपने आप को अशुद्ध नहीं करना।.
21 तुम अपने बच्चों में से किसी को भी उसके लिए बलि चढ़ाने के लिए नहीं देना। आग से मोलोक के सम्मान में, और अपने परमेश्वर के नाम को अपवित्र न करना। मैं यहोवा हूँ।.
22 तुम किसी पुरुष के साथ स्त्री के समान संभोग न करना; यह घृणित काम है।.
23 तू अपने को अशुद्ध करने के लिये पशु के संग सो न जाना। और न कोई स्त्री किसी पशु के साम्हने खड़ी होकर उसके साथ व्यभिचार करे; यह लज्जा की बात है।.
24 तुम इन बातों में से किसी बात से अपने को अशुद्ध न करो, क्योंकि जिन जातियों को मैं तुम्हारे आगे से निकालने पर हूं, वे इन्हीं बातों से अपने को अशुद्ध कर बैठी हैं।.
25 देश अशुद्ध हो गया है; मैं उसके अधर्म का दण्ड दूंगा, और देश अपने निवासियों को उगल देगा।.
26 परन्तु तुम मेरी विधियों और नियमों को मानना, और चाहे देशी हो चाहे तुम्हारे बीच रहनेवाला परदेशी हो, कोई भी इन घृणित कामों में से कोई न करना।.
27 क्योंकि ये सब घृणित काम उस देश के लोगों ने किए थे जो तुमसे पहले वहां रहते थे, और इस कारण वह देश अशुद्ध हो गया था।.
28 और वह देश तुम्हें अशुद्ध करने के कारण बाहर नहीं उगलेगा, जैसे उसने उन जातियों को उगल दिया था जो तुमसे पहले उसमें थीं।.
29 क्योंकि जो कोई इन घृणित कामों में से कोई भी काम करेगा, वह अपने लोगों के बीच से नाश किया जाएगा।.
30 तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करना, और जो घिनौनी रीतियां तुम से पहिले चलती थीं उन में से किसी का पालन न करना, और न उनके कारण अपने को अशुद्ध करना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।«
अध्याय 19
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएल की सारी मण्डली से कहो,
पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।, मुझे यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर।.
3 तुम अपनी अपनी माता और पिता का भय मानना, और मेरे विश्रामदिनों को मानना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
4 मूरतों की ओर मत फिरो, और न अपने लिये देवता ढालकर बनाओ; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।.
5 जब तुम यहोवा के लिए मेलबलि चढ़ाओ, तो उसे इस तरह चढ़ाओ कि वह प्रसन्न हो।.
6 बलि का मांस जिस दिन तुम बलि चढ़ाओगे उसी दिन या उसके अगले दिन खाया जाएगा; और तीसरे दिन तक जो कुछ बच जाए वह आग में भस्म कर दिया जाएगा।.
7 यदि कोई तीसरे दिन उसे खाए तो वह घृणित है; बलिदान स्वीकार नहीं किया जाएगा।.
8 जो कोई उसमें से खाए, उसे अपने अधर्म का भार उठाना पड़ेगा, क्योंकि वह यहोवा की पवित्र वस्तु को अपवित्र करता है; वह मनुष्य अपने लोगों में से नाश किया जाएगा।.
9 जब तुम अपनी भूमि की फसल काटो, तो अपने खेत की छोर तक न काटो, और न अपनी कटी हुई फसल की बची हुई बालें बटोरो।.
10 तुम किसी को नहीं तोड़ोगे कोई भी नहीं अपनी दाख की बारी में जो अंगूर के गुच्छे बचे रहें, उन्हें अपने बगीचे में न बटोरना; उन्हें कंगालों और परदेशियों के लिए छोड़ देना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
11 तुम चोरी न करना, और न छल करना, और न एक दूसरे से झूठ बोलना।.
12 तुम मेरे नाम की झूठी शपथ न खाना, नहीं तो तुम अपने परमेश्वर के नाम को अपवित्र ठहराओगे। मैं यहोवा हूँ।.
13 तुम एक दूसरे पर अन्धेर न करना, और न उसको लूटना। मजदूर की मजदूरी दूसरे दिन तक तुम्हारे पास न रहने देना।.
14 बहरे को शाप न देना, और न अंधे के आगे ठोकर रखना; क्योंकि तू अपने परमेश्वर का भय मानना। मैं यहोवा हूं।.
15 न्याय में कुटिलता न करना; न तो कंगाल पर अनुग्रह करना, और न बलवान का मुंह देखना; परन्तु अपने पड़ोसी का न्याय धर्म से करना।.
16 तुम अपने लोगों के बीच बदनामी फैलाते हुए मत घूमोगे। एक गवाह के रूप में अपने पड़ोसी के खून के विरुद्ध मैं यहोवा हूँ।.
17 तू अपने मन में एक दूसरे से बैर न रखना, परन्तु अपने पड़ोसी को डांटना, ऐसा न हो कि तू उसके कारण पाप का भागी हो।.
18 तुम अपने जाति-जाति से बदला न लेना, और न उनके विरुद्ध बैर रखना।. तुम अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करोगे. मैं यहोवा हूँ।.
19 तुम मेरे नियमों का पालन करोगे।.
तुम दो प्रकार के पशु न पालोगे; तुम अपने खेत में दो प्रकार के बीज न बोओगे; और तुम दो प्रकार के कपड़े से बने वस्त्र न पहनोगे।.
20 यदि कोई पुरुष किसी ऐसी स्त्री के साथ सोता है और उसके साथ यौन संबंध रखता है जो किसी अन्य पुरुष की दासी है और जिसे छुड़ाया या स्वतंत्र नहीं किया गया है, तो उन्हें दंडित किया जाएगा दोनों, लेकिन मौत की सजा नहीं, क्योंकि गुलाम मुक्त नहीं था.
21 अपने पाप के कारण वह मनुष्य मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के पास दोषबलि के लिये एक मेढ़ा ले आए।.
22 याजक उसके पाप के कारण दोषबलि के मेढ़े के द्वारा यहोवा के साम्हने उसके लिये प्रायश्चित्त करे, और उसका किया हुआ पाप क्षमा किया जाएगा।.
23 जब तुम उस देश में प्रवेश करो और सब प्रकार के फलदायी वृक्ष लगाओ, तब उनके फलों को खतनारहित समझना; अर्थात् तीन वर्ष तक वे तुम्हारे लिये खतनारहित रहेंगे; और खाए न जाएं।.
24 चौथे वर्ष में, उनके सभी फल यहोवा की स्तुति के लिए पवित्र किए जाएंगे।.
25 पाँचवें वर्ष में तुम इसके फल खाओगे, और इस प्रकार पेड़ तुम्हें खबर देता रहेगा: मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
26 तुम खून वाली कोई चीज़ न खाना, और न ही टोना-टोटका करना।.
27 तुम अपने बालों के किनारों को गोल नहीं काटना, और न ही अपनी दाढ़ी के किनारों को मुंडाना।.
28 तुम मरे हुओं के कारण अपने शरीर पर कोई घाव न करना, और न अपने शरीर पर कोई चिन्ह गुदवाना; मैं यहोवा हूँ।.
29 अपनी बेटी को वेश्यावृत्ति के द्वारा अपवित्र न करना, कहीं ऐसा न हो कि देश वेश्यावृत्ति से भर जाए और अपराध से भर जाए।.
30 तुम मेरे विश्रामदिनों को मानना और मेरे पवित्रस्थान का भय मानना; मैं यहोवा हूं।.
31 ओझाओं या भूतसिद्धकों की ओर न फिरना, और न उनसे परामर्श लेना, कहीं ऐसा न हो कि तुम उनके कारण अशुद्ध हो जाओ। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
32 तुम पक्के बाल वाले पुरुष के साम्हने खड़े होना, और बूढ़ों का आदर करना। अपने परमेश्वर का भय मानना। मैं यहोवा हूँ।.
33 यदि कोई विदेशी तुम्हारे देश में तुम्हारे साथ रहने आए, तो तुम उस पर अत्याचार न करना।.
34 जो परदेशी तुम्हारे बीच रहे, उसके साथ देशी के समान व्यवहार करना; और उससे अपने ही समान प्रेम रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
35 तुम अन्याय न करना, चाहे न्याय करने में, चाहे नापने में, चाहे बटखरे में, चाहे धारिता में।.
36 तुम्हारे पास धर्मी तराजू, धर्मी बटखरे, धर्मी एपा और धर्मी हीन हों। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया हूं।.
37 तुम मेरी सारी विधियों और नियमों का पालन करना और उन पर चलना। मैं यहोवा हूँ।«
अध्याय 20
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएल के लोगों से कहो:
इस्राएलियों में से या इस्राएल में रहने वाले परदेशियों में से जो कोई अपने बच्चों में से किसी को मोलोक को दे, उसे मृत्यु दण्ड दिया जाएगा; देश के लोग उसे पत्थरवाह करेंगे।.
3 और मैं उस मनुष्य के विरुद्ध हो जाऊंगा, और उसे उसके लोगों के बीच से नाश कर दूंगा, क्योंकि उसने अपने बच्चों में से एक को मोलोक को दे दिया है, कि वह मेरे पवित्रस्थान को अशुद्ध करे और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराए।.
4 यदि देश के लोग उस मनुष्य से आंखें मूंद लें, जब वह अपनी सन्तान मोलोक को दे दे, और उसे प्राणदण्ड न दें,
5 मैं उस मनुष्य और उसके घराने के विरुद्ध हो जाऊंगा, और उसको उसके लोगों के बीच से नाश कर दूंगा, और उन सभों को भी जो उसके समान मोलेक के पीछे व्यभिचार करके व्यभिचार करते हैं।.
6 यदि कोई ओझाओं या भूतसिद्धकों के पास जाकर उनके साथ व्यभिचार करे, तो मैं उस मनुष्य के विरुद्ध हो जाऊंगा, और उसे उसके लोगों के बीच से नाश कर डालूंगा।.
7 तुम अपने आप को पवित्र करो और पवित्र बने रहो, क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
8 तुम मेरी विधियों का पालन करना और उन पर अमल करना। मैं यहोवा हूं जो तुम्हारा पवित्र करनेवाला हूं।.
9 जो कोई अपने पिता वा माता को शाप दे वह निश्चय मार डाला जाए; उसने अपने पिता वा माता को शाप दिया है; उसका खून उसी के सिर पड़ेगा।.
10 यदि कोई पुरुष किसी विवाहित स्त्री के साथ व्यभिचार करता है, या यदि वह अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार करता है, तो वे दोनों दण्ड के भागी होंगे। दोनों व्यभिचार करने वाले पुरुषों और महिलाओं को मृत्यु दंड दिया जाता है।.
11 यदि कोई पुरुष अपने पिता की पत्नी के साथ सोता है और उसे पता चलता है इस प्रकार उसके पिता के नंगेपन के कारण उन दोनों को मृत्यु दण्ड दिया जाएगा: उनका खून उन पर है।.
12 यदि कोई पुरुष अपनी बहू के साथ सोए, तो वे दोनों मार डाले जाएं; क्योंकि उन्होंने घिनौना काम किया है; उनका खून उन्हीं के सिर पर पड़ेगा।.
13 यदि कोई पुरुष स्त्री के समान पुरुष के साथ प्रसंग करे, तो वे दोनों घृणित काम करने वाले ठहरेंगे; वे निश्चय मार डाले जाएं; उनका खून उन्हीं के सिर पड़ेगा।.
14 यदि कोई पुरुष किसी लड़की और उसकी माँ को पत्नी के रूप में रखता है, तो यह एक बुरी बात है; वह और वे दोनों आग में डाल दिए जाएँ, ताकि यह बुरी बात तुम्हारे बीच न रहे।.
15 जो मनुष्य किसी पशु के साथ सम्बन्ध करेगा, उसे मृत्यु दण्ड दिया जाएगा, और तुम उस पशु को मार डालोगे।.
16 यदि कोई स्त्री किसी पशु के पास जाकर उसके साथ यौन सम्बन्ध करे, तो तुम उस स्त्री और पशु दोनों को मार डालना; वे दोनों मार डाले जाएं; उनका खून उन्हीं के सिर पड़ेगा।.
17 यदि कोई अपनी बहिन को, चाहे वह उसके पिता की हो या उसकी माँ की, संग ले, और उसका नंगापन देखे, और वह उसका देखे, तो यह लज्जा की बात है; वे अपने लोगों के साम्हने नाश किए जाएँ। जो अपनी बहिन का नंगापन उघाड़ता है, वह अपने अधर्म का भार उठाएगा।.
18 यदि कोई पुरुष किसी स्त्री के मासिक धर्म के समय उसके साथ सोए और उसका तन उघाड़े, तो वह उसका स्राव उघाड़ेगा, और वह स्त्री भी अपना रुधिर उघाड़ेगी; इस कारण वे दोनों अपने लोगों के बीच से नाश किए जाएं।.
19 तुम अपनी माँ या अपनी फूफी का तन न उघाड़ना, क्योंकि ऐसा करना उसका तन उघाड़ना है। अपना वे अपने अधर्म का बोझ उठायेंगे।.
20 यदि कोई अपनी चाची के साथ सोता है, तो वह अपने चाचा का तन उघाड़ता है; वे दोनों अपने पाप का भार उठायेंगे: वे निःसंतान मरेंगे।.
21 यदि कोई पुरुष अपने भाई की पत्नी को ले ले, तो वह अशुद्ध ठहरेगा; क्योंकि वह अपने भाई का तन उघाड़ने वाला ठहरेगा; इसलिये वे निःसंतान रहेंगे।.
22 तुम मेरी सारी विधियों और नियमों का पालन करना और उन पर अमल करना, कहीं ऐसा न हो कि जिस देश में मैं तुम्हें बसाए हुए हूं वह तुम्हें उगल दे।.
23 तुम उन जातियों के रीति-रिवाजों का अनुसरण न करना जिन्हें मैं तुम्हारे सामने से निकालने पर हूँ; क्योंकि वे ये सब काम करते थे, और मैं उनसे घृणा करता था।.
24 मैंने तुमसे कहा था, “तुम उनके देश के अधिकारी होगे; मैं उसे तुम्हारे अधिकार में कर दूँगा; वह ऐसा देश है जिसमें दूध और मधु की धाराएँ बहती हैं।” मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ, जिसने तुम्हें उनसे अलग किया है। अन्य लोगों.
25 तुम शुद्ध और अशुद्ध पशुओं में, और शुद्ध और अशुद्ध पक्षियों में भेद करना; और किसी पशु, पक्षी, वा भूमि पर रेंगने वाले जन्तु से अपने को घिनौना न बनाना, क्योंकि मैं ने तुम्हें अशुद्ध पशुओं में भेद करना सिखाया है।.
26 तुम मेरे लिए पवित्र बनो, क्योंकि मैं, यहोवा, पवित्र हूँ, और मैंने तुम्हें परमेश्वर से अलग किया है। अन्य लोगों, ताकि तुम मेरे हो जाओ।.
27 जो कोई पुरूष वा स्त्री ओझाओं वा भूतसिद्धियों से परामर्श ले, वह मार डाला जाए; वह पत्थरवाह किया जाए; उसका खून उसी के सिर पड़ेगा।«
अध्याय 21
1 यहोवा ने मूसा से कहा, “हारून के पुत्र याजकों से कहो:
कोई भी व्यक्ति अपने लोगों के बीच किसी मृत व्यक्ति के कारण अपने आप को अशुद्ध नहीं करेगा,
2 अपने समान पद के सम्बन्धी को छोड़कर, अर्थात अपनी माता को, अपने पिता को, अपने पुत्र को, अपनी पुत्री को, अपने भाई को,
3 और अपनी कुंवारी बहिन के कारण भी जो उसके संग रहती है, और जिसका विवाह न हुआ हो, वह अपने आप को अशुद्ध करेगा।.
4 प्रमुख घर वह अपने लोगों के बीच में अपने को अशुद्ध या अपवित्र नहीं करेगा। उसकी गरिमा.
5 याजक अपने सिर मुंडाएँ नहीं, न ही अपनी दाढ़ी के किनारे काटें, न ही अपने शरीर पर कोई चीरा लगाएँ।.
6 वे अपने परमेश्वर के लिये पवित्र बने रहें, और अपने परमेश्वर के नाम को अपवित्र न करें; क्योंकि वे यहोवा को अपने परमेश्वर का भोजन हव्य करके चढ़ाते हैं; वे पवित्र बने रहें।.
7 वे वेश्या या अपमानित स्त्री को न लें; वे त्यागी हुई स्त्री को न लें; क्योंकि याजक अपने परमेश्वर के लिये पवित्र है।.
8 तू उसको पवित्र समझना, क्योंकि वह तेरे परमेश्वर का भोजन चढ़ाता है; वह तेरे लिये पवित्र ठहरेगा, क्योंकि मैं पवित्र हूं, मैं यहोवा, जो तुम्हारा पवित्र करनेवाला हूं।.
9 यदि याजक की बेटी वेश्यावृत्ति करके अपने आप को लज्जित करे, तो वह अपने पिता का अपमान करती है; वह आग में जला दी जाए।.
10 जो महायाजक अपने भाइयों से बड़ा है, जिसके सिर पर अभिषेक का तेल डाला गया है, और जो पवित्र वस्त्र पहनने के लिए नियुक्त किया गया है, वह अपना सिर नहीं उघाड़ेगा और न ही अपने वस्त्र फाड़ेगा।.
11 वह किसी शव के पास न जाए; वह अपने पिता या माता के कारण अपने को अशुद्ध न करे।.
12 वह अपने पवित्रस्थान को न छोड़े, और न अपने परमेश्वर के पवित्रस्थान को अपवित्र करे; क्योंकि उसके परमेश्वर का अभिषेक का तेल उसके सिर पर मुकुट है। मैं यहोवा हूं।.
13 वह एक कुंवारी लड़की को अपनी पत्नी बनाएगा।.
14 वह विधवा, या त्यागी हुई, या अपमानित, या वेश्या से विवाह न करे; बल्कि अपने ही लोगों में से किसी कुंवारी को अपनी पत्नी बनाए।.
15 वह अपने लोगों के बीच अपने वंश का अपमान नहीं करेगा, क्योंकि मैं यहोवा हूँ, जो उसे पवित्र करता है।«
16 यहोवा ने मूसा से कहा,
17 »हारून से कहो—उसे :
आपकी जाति का कोई भी व्यक्ति, सभी जो लोग शारीरिक रूप से विकृत हैं, वे तुम्हारे परमेश्वर की रोटी चढ़ाने के लिए निकट नहीं आएंगे।.
18 क्योंकि कोई भी व्यक्ति जो शारीरिक रूप से विकलांग है, उसके समीप न आए, चाहे वह अंधा हो, चाहे लंगड़ा हो, चाहे उसके शरीर में कोई अंग या गांठ हो;
19 या ऐसा व्यक्ति जिसके पैर या हाथ में फ्रैक्चर हो;
20 जो कुबड़ा या बौना हो, या जिसकी आंख में दाग हो, या खुजली, दाद, या अण्डकोष कुचले हुए हों।.
21 हारून याजक के वंश में से यदि कोई मनुष्य अपंग हो तो वह यहोवा के लिये हव्य चढ़ाने के लिये समीप न आए; क्योंकि वह अपंग है; वह अपने परमेश्वर का भोजन चढ़ाने के लिये समीप न आए।.
22 वह अपने परमेश्वर की रोटी, परम पवित्र वस्तुएँ और पवित्र वस्तुएँ खा सकेगा।.
23 परन्तु वह न तो पर्दे के पीछे जाए, और न वेदी के निकट आए, क्योंकि वह अपंग है; और न वह मेरे पवित्रस्थानों को अपवित्र करे, क्योंकि मैं यहोवा हूं, जो उनका पवित्र करनेवाला हूं।«
24 मूसा ने हारून और उसके पुत्रों और सारे इस्राएलियों से यही कहा।.
अध्याय 22
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »हारून और उसके पुत्रों से कह, कि वे उन पवित्र वस्तुओं से जो इस्राएली मेरे लिये पवित्र करते हैं, निरपेक्ष रहें, और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र न करें; मैं यहोवा हूँ।”.
3 उन्हें बताएं:
आपकी जाति का कोई भी व्यक्ति जो, सभी तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में जो कोई अशुद्ध वस्तु होगी, वह उन पवित्र वस्तुओं के पास जाएगी जिन्हें इस्राएली यहोवा के लिये पवित्र करते हैं, और मेरे साम्हने से नाश किए जाएंगे। मैं यहोवा हूं।.
4 हारून के वंश में से जो कोई कोढ़ या प्रमेह का रोगी हो, वह जब तक शुद्ध न हो जाए, तब तक पवित्र वस्तुओं में से कुछ न खाए। और यही बात उन लोगों पर भी लागू होती है, जिन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति को छुआ हो जो किसी की लोथ के कारण अशुद्ध हो गया हो, या जिनका वीर्यपात हुआ हो।,
5 यदि किसी ने किसी रेंगने वाले जन्तु को छुआ हो, तो वह अशुद्ध हो गया हो, या किसी अशुद्ध मनुष्य को छुआ हो, तो वह किसी भी रीति से अशुद्ध हो गया हो।.
6 जो कोई इन चीज़ों को छूएगा वह शाम तक अशुद्ध रहेगा और उसे कोई भी पवित्र चीज़ नहीं खानी चाहिए, बल्कि उसे पानी से नहाना चाहिए।
7 और सूर्यास्त के बाद वह शुद्ध हो जाएगा; तब वह पवित्र वस्तुएँ खा सकेगा, क्योंकि उसका भोजन वही है।.
8 जो पशु अपने आप मरा हो, वा पशु से फाड़ा गया हो, उसे वह न खाए, और न वह उसके कारण अशुद्ध हो जाए; मैं यहोवा हूं।.
9 वे मेरी आज्ञाओं को मानें, कहीं ऐसा न हो कि वे इस बात में पापी ठहरें, और पवित्र वस्तुओं को अपवित्र करने के कारण मर जाएं। मैं यहोवा हूं, जो उनका पवित्र करनेवाला हूं।.
10 कोई परदेशी पवित्र वस्तुओं में से न खाए; याजक वा मजदूर के घर में रहनेवाला कोई भी व्यक्ति पवित्र वस्तुओं में से न खाए।.
11 परन्तु याजक के द्वारा मोल लिया हुआ दास भी उस में से खा सकता है; और उसके घर में उत्पन्न हुआ कोई भी जन भी उस भोजन में से खा सकता है।.
12 याजक की बेटी जो किसी विदेशी से ब्याही गई हो, वह पवित्र वस्तुओं में से कुछ न खाए।.
13 लेकिन अगर किसी याजक की बेटी विधवा हो जाए या तलाकशुदा हो जाए और उसके कोई संतान न हो, तो वह अपने पिता के घर लौट आए। वह वहाँ थी अपनी जवानी में वह अपने पिता का भोजन खा सकती है; परन्तु कोई पराया व्यक्ति उसे नहीं खा सकता।.
14 अगर कोई आदमी गलती से कोई पवित्र चीज़ खा ले, तो उसे याजक को उसकी भरपाई करनी होगी का मान है पवित्र वस्तु में पाँचवाँ अंश जोड़कर।.
15 पुजारी वे इस्राएलियों की पवित्र वस्तुओं को, जिन्हें उन्होंने यहोवा के लिये अलग रखा है, अपवित्र न करें।,
16 और जो पाप वे अपनी पवित्र वस्तुओं को खाकर करेंगे, उसका उत्तरदायी मैं उन्हें नहीं ठहराऊंगा; क्योंकि मैं यहोवा हूं, जो उनका पवित्र करनेवाला हूं।«
17 यहोवा ने मूसा से कहा,
18 »हारून और उसके पुत्रों और सभी इस्राएलियों से कहो:
चाहे इस्राएल के घराने का हो, चाहे इस्राएल में रहने वाले परदेशियों का, कोई भी व्यक्ति, चाहे मन्नत पूरी करने के लिए या स्वेच्छाबलि के रूप में, यदि वह उसे होमबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाए,
19 ताकि तुम स्वीकार किए जाओ, कि बलिदान निर्दोष नर हो, चाहे वह गाय-बैल हो, चाहे भेड़ हो, चाहे बकरी हो।.
20 तुम किसी भी ऐसी चीज़ को न चढ़ाना जिसमें कोई दोष हो, क्योंकि वह स्वीकार नहीं की जाएगी।.
21 जब कोई मनुष्य यहोवा को मेलबलि के रूप में गाय या भेड़ चढ़ाए, चाहे वह मन्नत पूरी करने के लिए हो या स्वेच्छाबलि के रूप में, तो ग्रहण किए जाने के लिए पशु पूर्ण होना चाहिए; उसमें कोई दोष नहीं होना चाहिए।.
22 यदि कोई पशु अन्धा, लंगड़ा या कटा-फटा हो, या उसके घाव, खुजली या चर्म-दर्द हो, तो उसे यहोवा के लिये न चढ़ाना; और न उसे वेदी पर यहोवा के लिये हव्य करके चढ़ाना।.
23 तुम स्वेच्छा से ऐसा बैल या भेड़ बलि चढ़ा सकते हो जिसका अंग बहुत लम्बा या बहुत छोटा हो; परन्तु मन्नत पूरी होने के कारण ऐसा बलि स्वीकार न किया जाए।.
24 तुम यहोवा को ऐसा पशु न चढ़ाना जिसके अण्ड कुचले, कुचले, फटे या कटे हुए हों; तुम अपने देश में ऐसा न करना।.
25 चाहे किसी अजनबी के हाथ से भी, आप स्वीकार नहीं करेंगे इनमें से किसी भी बलि को अपने परमेश्वर के लिये भोजन के रूप में न चढ़ाना; क्योंकि वे भ्रष्ट हैं, उनमें दोष है; वे तुम्हें स्वीकार्य नहीं होंगे।«
26 यहोवा ने मूसा से कहा:
27 »जब कोई बैल, मेमना या बकरी पैदा हो जाए, तो वह सात दिन तक अपनी माँ के साथ रहे; आठवें दिन से लेकर उसके बाद के दिनों तक वह यहोवा के लिए हव्य के रूप में स्वीकार किया जाएगा।.
28 चाहे बैल हो या मेमना, तुम पशु और उसके बच्चे को एक ही दिन बलि नहीं करना।.
29 जब तुम यहोवा के लिये धन्यवाद का बलिदान चढ़ाओ, तो उसे इस रीति से चढ़ाना कि वह ग्रहण किया जाए;
30 उसके लिए, बलि का मांस उसी दिन खाया जाएगा; उसमें से कुछ भी सुबह तक न छोड़ना। मैं यहोवा हूँ।.
31 तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करना और उनका पालन करना; मैं यहोवा हूँ।.
32 तुम मेरे पवित्र नाम को अपवित्र न करना, तब मैं इस्राएलियों के बीच पवित्र माना जाऊंगा। मैं यहोवा हूं जो तुम्हारा पवित्र करनेवाला हूं।,
33 जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया है, वह तुम्हारा परमेश्वर है। मैं यहोवा हूँ।«
अध्याय 23
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएल के लोगों से कहो, यहाँ है यहोवा के जो पर्व तुम पवित्र सभाओं के लिये घोषित करोगे, वे मेरे पर्व हैं।.
3 छः दिन तो काम-काज करना, परन्तु सातवाँ दिन परमविश्राम और पवित्र सभा का दिन है। तुम किसी प्रकार का काम-काज न करना। वह तुम्हारे सब घरों में यहोवा के लिये पवित्र विश्राम-दिन है।.
4 यहोवा के पर्व ये ही हैं, अर्थात् पवित्र सभाएं, जिनका प्रचार तुम्हें अपने-अपने समय पर करना होगा।.
5 पहले महीने के चौदहवें दिन, दो गोधूलि के बीच, यहोवा का फसह हुआ करेगा।.
6 और इस महीने के पंद्रहवें दिन को यहोवा के लिये अखमीरी रोटी का पर्व्व हो; उस दिन सात दिन तक तुम अखमीरी रोटी खाओगे।.
7 पहले दिन तुम्हारी पवित्र सभा होगी; तुम कोई परिश्रम का काम नहीं करोगे।.
8 सात दिन तक तुम यहोवा के लिये हव्य चढ़ाना। सातवें दिन पवित्र सभा होगी; उस दिन तुम परिश्रम का कोई काम न करना।«
9 यहोवा ने मूसा से कहा,
10 »इस्राएल के लोगों से कहो,
जब तुम उस देश में प्रवेश करो जो मैं तुम्हें देता हूँ, और तुम फसल काट लो, तो तुम अपनी फसल की पहली उपज का एक पूला याजक के पास ले आओ।.
11 वह इस पूले को यहोवा के आगे हिलाए, कि वह तुम पर अनुग्रह करे; याजक उसे विश्रामदिन के दूसरे दिन हिलाए।.
12 जिस दिन तुम पूला हिलाओगे, उस दिन एक वर्ष का निर्दोष मेमना यहोवा के लिये होमबलि करके चढ़ाना;
13 और उसके साथ का चढ़ावा एपा का दो दसवां अंश तेल से सना हुआ मैदा हो, वह हव्य हो, जिस से यहोवा को सुखदायक सुगन्ध हो; और अर्घ एक चौथाई हीन दाखमधु का हो।.
14 और जब तक तुम अपने परमेश्वर के लिये अन्नबलि न चढ़ाओ, उस दिन तक न तो रोटी खाना, न भुना हुआ अन्न, न नया अन्न। यह तुम्हारे वंश के लिये, और तुम्हारे सब निवासस्थानों में सदा की विधि ठहरे।.
15 सब्त के दूसरे दिन से, अर्थात् जिस दिन तुम पूला हिलाने के लिये लाओगे, उस दिन से पूरे सात सप्ताह गिनना।.
16 सातवें विश्रामदिन के बाद के दिन तक पचास दिन गिनना, और यहोवा के लिये नयी भेंट चढ़ाना।.
17 तुम अपने घर से हिलाने की भेंट के लिये दो रोटियां ले आना; वे एपा के दो दसवें अंश की बनी हों। इफ़ा का ये यहोवा के पहिले फल हैं।.
18 इन रोटियों के साथ तुम यहोवा को होमबलि करके एक वर्ष के सात निर्दोष मेमने, एक बछड़ा और दो मेढ़े चढ़ाना; उनके साथ अन्नबलि और अर्घ भी चढ़ाना। साधारण : यह एक होगा यह आग द्वारा बनाया गया बलिदान है, जो यहोवा के लिए सुखदायक सुगंध है।.
19 तुम पापबलि के लिए एक बकरा और मेलबलि के लिए एक-एक वर्ष के दो मेमने बलि चढ़ाना।.
20 याजक झूला झुलाएगा पीड़ितों और यहोवा के साम्हने हिलाई हुई भेंट के रूप में पहिली उपज की रोटियां, और दो मेमनों समेत वे यहोवा के लिये पवित्र ठहरें, और याजक के होंगे।.
21 उसी दिन तुम पवित्र सभा का प्रचार करना और पवित्र सभा करना; और परिश्रम का कोई काम न करना। यह तुम्हारी आने वाली पीढ़ियों के लिये तुम्हारे सब निवासस्थानों में सदा की विधि ठहरे।.
22 जब तुम अपनी भूमि की खेती काटो, तब अपने खेत की छोर तक न काटना, और न अपनी कटी हुई फसल की बालें इकट्ठी करना; उसे कंगालों और परदेशियों के लिये छोड़ देना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।«
23 यहोवा ने मूसा से कहा,
24 »इस्राएल के बच्चों से कहो—”उनका :
सातवें महीने के पहले दिन तुम्हारे लिये पवित्र विश्राम होगा, और उस दिन तुरही फूंककर स्मरण दिलाया जाएगा, और पवित्र सभा होगी।.
25 तुम कोई परिश्रम का काम न करना, और यहोवा के लिये हव्य चढ़ाना।«
26 यहोवा ने मूसा से कहा,
27 »इस सातवें महीने का दसवाँ दिन प्रायश्चित्त का दिन है: तुम एक पवित्र सभा करोगे, तुम अपने-अपने प्राणों को कष्ट दोगे, और यहोवा को हव्य चढ़ाओगे।.
28 उस दिन तुम कोई काम काज न करना; क्योंकि वह प्रायश्चित्त का दिन है, उस दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के साम्हने तुम्हारे लिये प्रायश्चित्त किया जाएगा।.
29 जो कोई उस दिन शोक नहीं करेगा वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा;
30 और जो कोई उस दिन कोई काम करेगा, मैं उसे उसके लोगों के बीच से नाश कर दूँगा।.
31 तुम किसी प्रकार का कामकाज न करना। यह तुम्हारे वंश के लिये, और तुम्हारे सब निवासस्थानों में सदा की विधि ठहरे।.
32 यह दिन तुम्हारे लिये परम विश्राम का दिन होगा; उस दिन तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना; यह दिन महीने के नौवें दिन की सांझ से लेकर सांझ तक हो। अगले, तुम अपने विश्रामदिन का पालन करोगे।«
33 यहोवा ने मूसा से कहा:
34 »इस्राएल के बच्चों से कहो—उनका :
इस सातवें महीने के पंद्रहवें दिन, यहोवा के सम्मान में, सात दिनों तक झोपड़ियों का पर्व मनाया जाता है।.
35 पहले दिन पवित्र सभा होगी; उस दिन तुम परिश्रम का कोई काम न करना।.
36 सात दिन तक तुम यहोवा को हव्य चढ़ाना। आठवें दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो, और तुम यहोवा को हव्य चढ़ाना; वह अन्तिम पर्व है; उस दिन तुम परिश्रम का कोई काम न करना।.
37 यहोवा के ये नियत पर्व हैं, जिनका प्रचार करके तुम उन में पवित्र सभा करना, और अपने अपने नियत दिन पर यहोवा को हव्य, होमबलि, अन्नबलि, अन्नबलि, अन्नबलि और अर्घ चढ़ाना;
38 यहोवा के विश्रामदिनों को छोड़कर, और अपनी भेंटों को छोड़कर, और अपनी सब मन्नतों को छोड़कर, और अपनी सब स्वेच्छाबलि को छोड़कर जो तुम यहोवा को चढ़ाते हो।.
39 सातवें महीने के पंद्रहवें दिन को, जब तुम भूमि की उपज इकट्ठा कर चुके हो, तब सात दिन तक यहोवा का पर्व मानना; पहिले दिन परमविश्राम हो, और आठवें दिन परमविश्राम हो।.
40 पहले दिन तुम सुन्दर वृक्षों के फल, अर्थात् खजूर की डालियाँ, घने वृक्षों की डालियाँ, और नालों के मजनुओं के फल तोड़कर अपने परमेश्वर यहोवा के साम्हने सात दिन तक आनन्द करना।.
41 तुम यहोवा के लिये प्रति वर्ष सात दिन तक यह पर्व मानना; यह तुम्हारे वंश के लिये सदा की विधि है; तुम इसे सातवें महीने में मानना।.
42 तुम सात दिन तक झोपड़ियों में रहोगे पत्ते : इसराइल के सभी मूल निवासी झोपड़ियों में रहेंगे;
43 ताकि तुम्हारी संतान जान ले कि जब मैं इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया, तब मैंने उन्हें झोपड़ियों में बसाया था। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।«
44 मूसा ने इस प्रकार इस्राएलियों को यहोवा के पर्वों की जानकारी देने के लिए।«
अध्याय 24
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 इस्राएलियों को आज्ञा दे कि वे दीवट के लिये कुटे हुए जैतून का शुद्ध तेल ले आएं, जिस से दीपक नित्य जलते रहें।.
3 हारून मिलापवाले तम्बू में साक्षीपत्र के आगे वाले बीच वाले पर्दे को छोड़कर यहोवा के साम्हने सांझ से भोर तक नित्य जलाए रखे; यह तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी के लिये सदा की विधि है।.
4 वह दीवट पर दीपक सजाएगा सोना शुद्ध, ताकि वे जल जाएं यहोवा के सामने निरन्तर खड़े रहो।.
5 »अच्छा आटा लेकर बारह रोटियाँ बनाओ; हर एक रोटियाँ दो-दसवें औंस की होंगी।” इफ़ा का.
6 तुम उन्हें मेज पर दो ढेरों में रखोगे, प्रत्येक ढेर में छह सोना यहोवा के सामने शुद्ध रहो।.
7 तुम हर एक ढेर पर शुद्ध धूप रखना, और यह रोटी के ऊपर यहोवा के लिए हवन द्वारा स्मरण दिलाने वाली भेंट होगी।.
8 हर विश्रामदिन को इस्राएलियों की ओर से ये रोटियाँ यहोवा के आगे नित्य रखी जाएँगी; यह सदा की वाचा है।.
9 वे हारून और उसके पुत्रों के होंगे, और वे उन्हें पवित्र स्थान में खाएंगे; क्योंकि यहोवा के हव्यों में वे उनके लिये परमपवित्र हैं। यह सदा की विधि है।«
10 एक इस्राएली स्त्री का बेटा, जो मिस्री था, इस्राएलियों के बीच आया; और छावनी में उस इस्राएली स्त्री के बेटे और एक इस्राएली पुरुष के बीच झगड़ा हुआ।.
11 इस्राएली स्त्री के बेटे ने यहोवा के नाम की निंदा की पवित्र और le उसकी माता का नाम सलूमीत था, जो दान के गोत्र के दबरी की बेटी थी।.
12 उसे सुरक्षा घेरे में रखा गया ताकि मूसा यहोवा की ओर से उन्हें घोषित किया गया, क्या किया जाना आवश्यक था.
13 यहोवा ने मूसा से कहा:
14 »उस निन्दक को छावनी से बाहर ले जाओ; और जितने लोगों ने उसकी बात सुनी है वे सब उसके सिर पर हाथ रखें, और सारी मण्डली उसे पत्थरवाह करें।.
15 तू इस्राएलियों से कह, जो कोई अपने परमेश्वर को कोसता है, वह अपने पाप का भार उठाएगा;
16 और जो कोई यहोवा के नाम की निन्दा करे, वह मार डाला जाए; और सारी मण्डली उसे पत्थरवाह करे। चाहे वह देशी हो या परदेशी, यदि वह यहोवा के नाम की निन्दा करे, तो उसे मार डाला जाए। पवित्र, वह मर जाएगा।.
17 जो कोई किसी व्यक्ति को इस प्रकार मारे कि वह मर जाए, उसे अवश्य मार डाला जाए।.
18 जो कोई एक पशु को मारेगा, वह दूसरे पशु को देगा, अर्थात प्राण के बदले प्राण।.
19 यदि कोई अपने पड़ोसी को हानि पहुँचाए, तो उसके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाएगा जैसा उसने किया है।
20 हड्डी टूटने की सन्ती हड्डी, आंख की सन्ती आंख, दांत की सन्ती दांत; उसे वैसी ही चोट पहुंचाई जाए जैसी उसने अपने पड़ोसी को पहुंचाई हो।.
21 जो कोई एक पशु को मारे, वह दूसरा पशु दे; परन्तु जो कोई एक मनुष्य को मारे, वह मार डाला जाए।.
22 तुम्हारे बीच एक ही व्यवस्था चलेगी, अर्थात देशी के समान परदेशी के लिए भी एक ही व्यवस्था रहेगी; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।«
23 जब मूसा ने इस्राएलियों से ये बातें कहीं, तब उन्होंने उस निन्दा करनेवाले को छावनी के बाहर ले जाकर पत्थरवाह किया। और इस्राएलियों ने वैसा ही किया जैसा यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी।.
अध्याय 25
1 यहोवा ने सीनै पर्वत पर मूसा से कहा:
2 »इस्राएल के लोगों से कहो,
जब तुम उस देश में प्रवेश करोगे जो मैं तुम्हें देता हूँ, तो उस देश को विश्राम मिलेगा; वह यहोवा के लिये विश्राम का दिन होगा।.
3 छः वर्ष तक तुम अपना खेत बोओगे, छः वर्ष तक तुम अपनी दाख की बारी छाँटोगे, और उसकी उपज इकट्ठा करोगे।.
4 परन्तु सातवाँ वर्ष विश्रामदिन हो, अर्थात भूमि के लिये परमविश्राम, अर्थात् यहोवा के लिये विश्रामदिन हो; उस में तुम अपना खेत न बोना, और न अपनी दाख की बारी छांटना।.
5 जो उगता है उसे तुम नहीं काटोगे स्वयं का, आपके घर से गिरे अनाज अंतिम फसल काटते समय तुम अपनी बिन छांटी हुई दाखलता की दाखें नहीं तोड़ना; वह भूमि के लिये विश्राम का वर्ष होगा।.
6 विश्रामदिन में भूमि की जो उपज हो, उसी से तुम्हारा, और तुम्हारे दास-दासियों का, और तुम्हारे मजदूर का, और तुम्हारे संग रहने वाले परदेशियों का भी भोजन होगा;
7 तुम्हारे पशुओं और तुम्हारी भूमि में रहने वाले पशुओं के लिए भी उनकी सारी उपज भोजन के रूप में काम आएगी।.
8 तुम सात विश्रामवर्ष, अर्थात सातगुना सात वर्ष गिनना; इन सात विश्रामवर्षों का कुल काल उनचास वर्ष का होगा।.
9 सातवें महीने के दसवें दिन को तुम नरसिंगे को जोर से फूँकना; प्रायश्चित्त के दिन, तुम अपने सारे देश में नरसिंगा फूँकना।.
10 और तुम पचासवें वर्ष को पवित्र मानना, और देश के सब रहनेवालों के लिये छुटकारे का प्रचार करना। वह वर्ष तुम्हारे लिये जुबली ठहरे, और तुम अपनी अपनी निज भूमि और अपने अपने घराने को लौटने पाओगे।.
11 पचासवां वर्ष तुम्हारे लिये जुबली का वर्ष ठहरे; उस में तुम न बोना, और न भूमि की उपज काटना, और न बिन छांटी हुई दाखलता की दाख तोड़ना।.
12 क्योंकि वह जुबली का वर्ष है; वह तुम्हारे लिये पवित्र होगा; तुम अपने खेतों की उपज खा सकोगे।.
13 इस जुबली वर्ष में तुममें से हर एक अपनी-अपनी ज़मीन पर वापस लौटेगा।.
14 यदि तुम अपने पड़ोसी को कुछ बेचते हो या उससे कुछ खरीदते हो, तो तुम में से कोई भी अपने भाई को हानि न पहुँचाए।.
15 तुम अपने पड़ोसी से वर्षों की संख्या के अनुसार खरीदोगे अतीत के बाद से अंतिम जुबली, और वह तुम्हें फसल के वर्षों की संख्या के अनुसार बेचेगा।.
16 फसल जितनी अधिक समय तक रहे, उतनी ही अधिक कीमत वसूल करनी चाहिए, और फसल जितनी कम समय तक रहे, उतनी ही कम कीमत वसूलनी चाहिए; क्योंकि वह तुम्हें फसलों की संख्या के आधार पर बेच रहा है।.
17 तुम में से कोई अपने भाई को हानि न पहुंचाए; अपने परमेश्वर का भय मानो, क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।.
18 तुम मेरे नियमों का पालन करोगे, मेरे नियमों का पालन करोगे और उनका पालन करोगे, और तुम देश में निडर बसे रहोगे।.
19 भूमि अपनी उपज उपजाएगी, तुम पेट भर खाओगे और निडर रहोगे।.
20 यदि तुम कहो, “सातवें वर्ष में हम क्या खाएँगे, क्योंकि हम न तो बोएँगे और न अपनी उपज इकट्ठा करेंगे?”
21 मैं छठे वर्ष में तुम्हें आशीर्वाद दूँगा, और यह तीन वर्षों तक फल देगा।.
22 आठवें वर्ष में तुम बोओगे, और पुरानी फसल खाओगे; और नौवें वर्ष तक, जब तक उसकी फसल न आ जाए, तब तक पुरानी फसल खाओगे।.
23 वह भूमि सदा के लिये न बेची जाएगी, क्योंकि वह मेरी है, और तुम मेरे पास परदेशी और प्रवासी के समान रहोगे।.
24 तुम्हारे अधिकार वाले सारे देश में तुम एक निश्चित भूमि प्रदान करोगे। का अधिकार भूमि खरीद।.
25 यदि तुम्हारा भाई गरीब हो जाए और अपनी संपत्ति में से कुछ बेच दे, तो उसका प्रतिनिधि, जो उसका सबसे निकट सम्बन्धी है, आकर उसके भाई की बेची हुई संपत्ति को छुड़ा ले।.
26 यदि किसी व्यक्ति के पास अपना प्रतिनिधि करने वाला कोई न हो, और वह स्वयं ही छुटकारे का उपाय करता हो,
27 वह वर्षों की गिनती करेगा अतीत बिक्री के बाद से, अधिशेष खरीदार को वापस कर दिया जाएगा, और उसकी संपत्ति में वापस आ जाएगा।.
28 यदि वह इस प्रतिपूर्ति का साधन नहीं जुटा पाता है, तो बेची गई संपत्ति जुबली वर्ष तक क्रेता के हाथ में रहेगी; जुबली वर्ष में उसे मुक्त कर दिया जाएगा, और बेचने वाला अपनी संपत्ति वापस कर देंगे।.
29 यदि कोई मनुष्य शहरपनाह वाले नगर में अपना घर बेचे, तो उसे विक्रय के वर्ष के अन्त तक छुड़ाने का अधिकार रहेगा; उसका छुड़ाने का अधिकार पूरे एक वर्ष तक बना रहेगा।.
30 यदि वह घर, जो शहरपनाह वाले नगर में है, पूरे वर्ष के बीतने से पहले न छुड़ाया जाए, तो वह सदा के लिये क्रेता और उसके वंशजों का बना रहेगा; और जुबली के वर्ष में वह उनके अधिकार से न छूटेगा।.
31 परन्तु जो घर शहरपनाह से घिरे हुए गांवों में हैं, वे भूमि के माने जाएंगे; उन्हें छुड़ाया जा सकेगा, और वे जुबली के वर्ष में मुक्त किए जाएंगे।.
32 लेवियों के नगरों के विषय में और लेवियों को अपने स्वामित्व वाले नगरों के घरों को छुड़ाने का सदा का अधिकार होगा।.
33 यदि कोई लेवियों से घर मोल ले, तो जो घर उन्हें दिए गए नगर में बेचा जाए, वह जुबली के वर्ष में छूट जाए; क्योंकि लेवियों के नगरों में जो घर हों, वे इस्त्राएलियों के बीच उनकी निज भूमि ठहरेंगे।.
34 लेवीय नगरों के बाहरी भाग की भूमि बेची न जाए, क्योंकि वह उनकी सदा की निज भूमि है।.
35 यदि तेरा कोई भाई कंगाल हो जाए और तेरे पास रहकर उसका काम कठिन हो जाए, तो चाहे वह परदेशी वा प्रवासी ही क्यों न हो, तू उसे सहारा देना, कि वह तेरे पास रहकर काम करे।.
36 तू उससे ब्याज या लाभ न लेना; परन्तु अपने परमेश्वर का भय मानना, और अपने भाई को अपने साथ रहने देना।.
37 तुम उसे ब्याज पर अपना पैसा उधार नहीं दोगे, और न ही उसे लाभ कमाने के लिए अपनी भोजनवस्तु दोगे।.
38 मैं यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूँ, जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया है, ताकि तुम्हें कनान देश दूँ और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूँ।.
39 अगर तुम्हारा कोई भाई तुम्हारे बीच गरीब हो जाए और अपने आप को तुम्हारे हाथ बेच दे, तो उससे कुछ मत माँगना। काम एक गुलाम का.
40 वह तुम्हारे साथ मजदूर या मेहमान की तरह रहेगा; वह जुबली के वर्ष तक तुम्हारी सेवा करेगा।.
41 तब वह अपने बच्चों समेत तेरे घर को छोड़कर अपने कुटुम्बियों के पास लौट जाएगा, और अपने पितरों की निज भूमि में फिर जाएगा।.
42 क्योंकि वे मेरे दास हैं, जिनको मैं मिस्र देश से निकाल लाया हूं; वे दासों की नाईं न बेचे जाएंगे।.
43 उस पर कठोरता से शासन न करना, परन्तु अपने परमेश्वर का भय मानना।.
44 तुम्हारे दास-दासियाँ जो तुम्हारे हैं, आप उन्हें ले लेंगे तेरे चारों ओर जो जातियां हैं, उन्हीं से तू दास-दासियां मोल लेगा।.
45 तुम अपने साथ रहने वाले परदेशियों की सन्तानों में से, और अपने देश में जन्माए हुए उनके परिवारों में से भी कुछ मोल ले सकोगे; और वे तुम्हारी सम्पत्ति ठहरेंगे।.
46 तुम उन्हें अपने बाद अपने वंश के लोगों को विरासत के रूप में दे देना, कि वे उनके अधिकारी हों; वे सदा तुम्हारे दास बने रहें। परन्तु तुम्हारे भाई इस्राएलियों के विषय में तुम में से कोई अपने भाई पर कठोरता से अधिकार न करे।.
47 यदि तुम्हारे बीच कोई परदेशी वा यात्री धनी हो जाए, और तुम्हारा कोई भाई कंगाल होकर अपने आप को किसी परदेशी वा तुम्हारे निकट रहने वाले परदेशी वा परदेशी के हाथ बेच डाले,
48 जब वह अपने आप को बेच डाले, तब उसे छुड़ाने का अधिकार होगा; उसके भाइयों में से कोई उसे छुड़ा सकता है;
49 या तो उसका चाचा या चचेरा भाई उसे छुड़ा सकता है; या उसका कोई निकट सम्बन्धी उसे छुड़ा सकता है; या यदि वह धनी हो, तो वह आप ही अपने आप को छुड़ा सकता है।.
50 वह अपने मोल लेनेवाले के साथ अपने बिकने के वर्ष से लेकर जुबली के वर्ष तक गिनेगा, और विक्रय मूल्य वर्षों की गिनती के अनुसार गिना जाएगा, और उसके काम के दिनों को भाड़े के सैनिक के दिनों के समान गिनेगा।.
51 यदि अभी भी कई वर्ष बाकी हैं, तो वह अपने छुटकारे के लिए तदनुसार भुगतान करेगा संख्या का उन वर्षों से, ध्यान में रखना जिस कीमत पर इसे खरीदा गया था;
52 यदि जुबली वर्ष तक कुछ वर्ष शेष हों, तो वह उन्हें गिनकर उन वर्षों के अनुसार अपना छुड़ाने का दाम चुकाएगा।.
53 वह वर्ष के भाड़े के सैनिक की तरह घर पर रहेगा, और अपने गुरु वह आपकी उपस्थिति में उसके साथ कठोरता से व्यवहार नहीं करेगा।.
54 यदि वह इनमें से किसी भी तरीके से छुटकारा नहीं पाता, तो वह बाहर चला जाएगा मुक्त जयंती वर्ष में, वह और उसके बच्चे उसके साथ थे।.
55 क्योंकि इस्राएली मेरे दास हैं, वे मेरे दास हैं, जिनको मैं मिस्र देश से निकाल लाया हूँ। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।«
अध्याय 26
1 »तुम अपने लिये कोई मूर्ति न बनाना, और न कोई खुदी हुई प्रतिमा वा लाठ खड़ी करना।” पवित्र, और अपने देश में दण्डवत् करने के लिये कोई खुदा हुआ पत्थर खड़ा न करना; क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।.
2 तुम मेरे विश्रामदिनों को मानना और मेरे पवित्रस्थान का भय मानना; मैं यहोवा हूं।«
3 »यदि तुम मेरे नियमों का पालन करोगे, यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे और उनका पालन करोगे,
4 मैं तुम्हारे लिये समय पर वर्षा बरसाऊंगा; भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने फल दिया करेंगे।.
5 तुम्हारे देश में गेहूं की कटाई दाख की कटाई तक होती रहेगी, और दाख की कटाई बोने के समय तक होती रहेगी; तुम जी भरकर रोटी खाया करोगे, और अपने देश में निडर बसे रहोगे।.
6 मैं डालूँगा शांति तुम उस देश में सोओगे; और कोई तुम्हें डरा न सकेगा। मैं उस देश में से जंगली पशुओं को निकाल दूंगा, और तलवार तुम्हारे देश में होकर न चलेगी।.
7 तू अपने शत्रुओं का पीछा करेगा, और वे तेरे आगे तलवार से मारे जाएंगे।.
8 तुम में से पाँच लोग सौ को, और तुम में से सौ लोग दस हज़ार को खदेड़ेंगे; और तुम्हारे शत्रु तलवार से तुम्हारे आगे-आगे मारे जाएँगे।.
9 मैं तुम्हारी ओर फिरूंगा, मैं तुम्हें फलवन्त करूंगा और बढ़ाऊंगा, और तुम्हारे साथ अपनी वाचा को पूर्ण करूंगा।.
10 आप कुछ खाएंगे फसल पुराना, बहुत पुराना, और आप नये के लिए रास्ता बनाने हेतु पुराने को अस्वीकार कर देंगे।.
11 मैं तेरे बीच में अपना निवास स्थािपत करूंगा, और मेरा मन तुझ से घृणा न करेगा।.
12 मैं तुम्हारे मध्य चला फिरा करूंगा, मैं तुम्हारा परमेश्वर हूंगा, और तुम मेरी प्रजा होगे।.
13 मैं यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से निकाल लाया, कि तुम वहां फिर दास न रहे; मैं ने तुम्हारे जूए को तोड़ डाला, और तुम को ऊंचे सिर करके चलाया है।.
14 परन्तु यदि तुम इन सब आज्ञाओं को न सुनोगे और न उन पर अमल करोगे,
15 यदि तुम मेरे नियमों को तुच्छ जानो, और यदि तुम्हारा मन मेरे नियमों से घृणा करे, और तुम मेरी सब आज्ञाओं को न मानो, और मेरी वाचा को तोड़ दो,
16 मैं तुझ से यह करूंगा, कि मैं तुझ में भय, दुर्बलता और ज्वर भेजूंगा, और तेरी आंखें धुंधली पड़ जाएंगी, और तेरा मन मूर्च्छित हो जाएगा। तू अपना बीज व्यर्थ बोएगा, और तेरे शत्रु उसे खा लेंगे।.
17 मैं तुम्हारे विरुद्ध हो जाऊंगा, और तुम अपने शत्रुओं से हार जाओगे; तुम्हारे बैरी तुम पर प्रभुता करेंगे, और तुम भागोगे, और कोई तुम्हारा पीछा न करेगा।.
18 अगर इसके बाद भी तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो मैं तुम्हारे पापों के लिए तुम्हें सात गुना ज़्यादा सज़ा दूँगा।.
19 मैं तुम्हारे बल का घमण्ड तोड़ डालूंगा; मैं तुम्हारे लिये आकाश को लोहे के समान और तुम्हारी पृथ्वी को पीतल के समान बना दूंगा।.
20 तुम्हारा बल व्यर्थ नष्ट हो जाएगा; तुम्हारी भूमि अपनी उपज नहीं देगी, और पृथ्वी के वृक्ष अपने फल नहीं देंगे।.
21 यदि आप चलते हैं दोबारा यदि तुम मेरे विरुद्ध जाओगे और मेरी बात नहीं मानोगे, तो मैं तुम्हारे पापों के अनुसार तुम्हें सात गुणा अधिक दण्ड दूँगा।.
22 मैं तुम्हारे विरुद्ध जंगली जानवर छोड़ दूँगा जो तुम्हारे बच्चों को छीन लेंगे, तुम्हारे पशुओं को फाड़ डालेंगे, और तुम्हारी गिनती घटा देंगे; और तुम्हारे मार्ग सुनसान हो जायेंगे।.
23 यदि इन दण्डों के बावजूद तुम मेरे द्वारा सुधारे जाने को स्वीकार नहीं करोगे और मेरे विरुद्ध चलते रहोगे,
24 मैं भी तुम्हारे विरुद्ध आऊँगा, और तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें सात गुणा अधिक दण्ड दूँगा।.
25 मैं तुम्हारे विरुद्ध अपनी वाचा की पलटा लेने वाली तलवार चलाऊंगा; तुम अपने नगरों में इकट्ठे होगे, और मैं तुम्हारे बीच मरी भेजूंगा, और तुम शत्रुओं के हाथ में सौंप दिए जाओगे,
26 जब मैं तुम्हारी रोटी अर्थात् तुम्हारा भोजन छीन लूँगा, और दस स्त्रियाँ एक ही तंदूर में तुम्हारी रोटी पकाकर तौल तौलकर लौटा देंगी, और तुम खाओगे, परन्तु तृप्त नहीं होगे।.
27 अगर इसके बाद भी तुम मेरी बात नहीं मानोगे और मेरे ख़िलाफ़ चलते रहोगे,
28 मैं क्रोध में तुम्हारे विरुद्ध चलूँगा और तुम्हारे पापों के कारण तुम्हें सात गुणा अधिक दण्ड दूँगा।.
29 तुम अपने बेटों का मांस खाओगे, और तुम अपनी बेटियों का मांस खाओगे।.
30 मैं तुम्हारे ऊँचे स्थानों को ढा दूँगा, मैं तुम्हारे पवित्र स्तंभों को सूर्य तक काट डालूँगा, मैं तुम्हारी लाशों को तुम्हारी बदनाम मूर्तियों की लाशों पर रख दूँगा, और मेरी आत्मा तुम्हें भयभीत कर देगी।.
31 मैं तुम्हारे नगरों को उजाड़ दूँगा, तुम्हारे पवित्र स्थानों को नष्ट कर दूँगा, और तुम्हारी सुगन्धित वस्तुओं की सुगन्ध फिर कभी न पाऊँगा।.
32 मैं उस देश को उजाड़ दूँगा, और उसमें रहने वाले तुम्हारे शत्रु चकित हो जाएँगे।.
33 और तुम, मैं आप मैं उन्हें जाति जाति में तितर बितर कर दूंगा, और तुम्हारे पीछे अपनी तलवार खींचूंगा; तुम्हारा देश उजड़ जाएगा, और तुम्हारे नगर निर्जन हो जाएंगे।.
34 तब जितने दिन वह देश उजाड़ रहेगा, और तुम अपने शत्रुओं के देश में रहोगे, उतने दिन वह अपने विश्रामकाल मानता रहेगा। तब वह देश विश्राम करेगा, और अपने विश्रामकाल मानता रहेगा।.
35 जब तक वह उजाड़ रहेगा, तब तक उसे वह विश्राम मिलेगा जो तुम्हारे विश्रामदिनों में नहीं मिला, जब तुम उसमें रहते थे।.
36 तुममें से जो बचेंगे, मैं उनके शत्रुओं के देश में उनके हृदय में भय उत्पन्न करूँगा; वे पत्ते की सरसराहट मात्र से ही भाग जाएँगे; वे ऐसे भागेंगे जैसे कोई तलवार से भागता है, और वे तब भी गिर पड़ेंगे जब कोई उनका पीछा नहीं करेगा।.
37 वे तलवार के समान एक दूसरे से टकराकर गिरेंगे, यद्यपि उनका पीछा करने वाला कोई भी न होगा; तुम अपने शत्रुओं के साम्हने खड़े न रह सकोगे।.
38 तुम राष्ट्रों के बीच नष्ट हो जाओगे, और तुम्हारे शत्रुओं की भूमि तुम्हें निगल जाएगी।.
39 तुममें से जो बचेंगे वे अपने शत्रुओं के देश में अपने पापों के कारण नष्ट हो जाएँगे; वे अपने पूर्वजों के पापों के कारण भी नष्ट हो जाएँगे, जो […] दोबारा उनके साथ.
40 वे अपने और अपने पूर्वजों के अधर्म को मान लेंगे, अर्थात उन अपराधों को जो उन्होंने मेरे विरुद्ध किए हैं।, यह स्वीकार करते हुए कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ मार्च किया
41 कि मैं भी उन पर चढ़ाई करके उन्हें उनके शत्रुओं के देश में ले आया। तब यदि उनका खतनारहित मन नम्र हो जाए, और वे ग्रहण करें, की सज़ा मैं याकूब के पापों के कारण उसके साथ की गई अपनी वाचा को स्मरण करूंगा।,
42 मैं इसहाक से अपनी वाचा और अब्राहम से अपनी वाचा को भी स्मरण करूंगा, और मैं इस देश को भी स्मरण करूंगा।.
43 और वह देश उनके द्वारा त्याग दिया जाएगा और अपने विश्रामदिनों का आनन्द उठाएगा, जबकि वह उनसे दूर उजाड़ पड़ा रहेगा, और वे स्वीकार करेंगे सज़ा उनके पापों के कारण, क्योंकि उन्होंने मेरे नियमों को तुच्छ जाना और उनके प्राण मेरे नियमों से घृणा करने लगे।.
44 परन्तु फिर भी जब वे अपने शत्रुओं के देश में होंगे, तब भी मैं उन्हें न छोडूंगा, और न उनसे घृणा करूंगा, यहां तक कि उनका अन्त कर डालूंगा, और उनके साथ अपनी वाचा को तोड़ दूंगा; क्योंकि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूं।.
45 मैं उनके निमित्त उस वाचा को स्मरण करूंगा जो मैं ने उनके पूर्वजों से बान्धी थी, कि मैं उन को अन्यजातियों के देखते मिस्र देश से निकाल लाया, कि मैं उनका परमेश्वर ठहरूं। मैं यहोवा हूं।«
46 ये वे विधियां, नियम और व्यवस्थाएं हैं जिन्हें यहोवा ने सीनै पर्वत पर अपने और इस्राएलियों के बीच स्थापित किया था। मंत्रालय मूसा.
अध्याय 27
1 यहोवा ने मूसा से कहा,
2 »इस्राएलियों से कहो, यदि कोई मन्नत माने, तो वे लोग तुम्हारे ठहराए हुए मूल्य के अनुसार यहोवा के हो जाएंगे।.
3 यदि तुम किसी पुरूष को बीस वर्ष से लेकर साठ वर्ष के बीच की अवस्था का ठहराना चाहो, तो उसका मोल पवित्रस्थान के शेकेल के हिसाब से पचास शेकेल चांदी ठहरे;
4 यदि वह स्त्री हो, तो उसका मोल तीस शेकेल होगा।.
5 पाँच वर्ष से लेकर बीस वर्ष तक की आयु के लड़के के लिये बीस शेकेल, और लड़की के लिये दस शेकेल ठहरना।.
6 एक महीने से लेकर पाँच वर्ष तक के लड़के के लिए तुम्हारा मोल पाँच शेकेल चाँदी का ठहरे, और लड़की के लिए तुम्हारा मोल तीन शेकेल चाँदी का ठहरे।.
7 साठ वर्ष या उससे अधिक आयु के लिए, पुरुष के लिए तुम्हारा मूल्यांकन पंद्रह शेकेल और स्त्री के लिए दस शेकेल होगा।.
8 यदि जिसने प्रतिज्ञा की थी के लिए बहुत गरीब है का मूल्य चुकाएं तुम्हारा अनुमान याजक के सामने रखा जाएगा, जो अपना अनुमान लगाएगा; याजक मन्नत मानने वाले के संसाधनों के अनुसार अनुमान लगाएगा।.
9 यदि कोई समर्पित करता है यहोवा को चढ़ाए जाने वाले जानवरों में से एक, जो कुछ दिया जाता है इस प्रकार यहोवा के लिये पवित्र हो जाएगा।.
10 वह न तो बदला जाए, और न अच्छे की सन्ती बुरा पशु रखा जाए, और न बुरे की सन्ती अच्छा पशु रखा जाए; यदि एक पशु की सन्ती दूसरा पशु रखा जाए, तो दोनों पवित्र ठहरेंगे।.
11 यदि वह कोई अशुद्ध पशु हो जो यहोवा को नहीं चढ़ाया जा सकता, तो वह पशु याजक के पास लाया जाए।,
12 और याजक यह देखकर उसका मोल चुकाएगा कि वह अच्छा है या बुरा; और याजक का मोल ठहरा रहेगा।.
13 यदि हम इसे वापस खरीदना चाहें तो हम आपके अनुमान में पाँचवाँ हिस्सा जोड़ देंगे।.
14 यदि कोई अपने घर को यहोवा को समर्पित करके पवित्र करता है, तो याजक उसका मूल्यांकन करेगा कि वह अच्छा है या बुरा, और याजक का मूल्यांकन मान्य होगा।.
15 यदि वह व्यक्ति जिसने अपने घर को पवित्र किया है, उसे छुड़ाना चाहे, तो उसे तुम्हारे द्वारा निर्धारित मूल्य में पाँचवाँ भाग और जोड़ना होगा, और वह उसका हो जाएगा।.
16 यदि कोई अपने खेत का कोई भाग यहोवा को अर्पण करे, तो उसका मोल उस खेत में बोए जाने वाले अन्न की मात्रा के अनुसार ठहरे, अर्थात जौ के एक शोमर के पीछे पचास शेकेल चांदी का मोल ठहरे।.
17 यदि वह अपना खेत जुबली के वर्ष में समर्पित करे, तो हम तुम्हारे ठहराए हुए मूल्य के अनुसार काम करेंगे;
18 परन्तु यदि वह अपना खेत जुबली के वर्ष के बाद समर्पित करे, तो याजक जुबली के वर्ष तक के शेष वर्षों के अनुसार उसका दाम ठहराएगा, और उस दाम में से कुछ घटा दिया जाएगा।.
19 यदि वह व्यक्ति जिसने अपना खेत समर्पित किया है, उसे छुड़ाना चाहे, तो उसे तुम्हारे ठहराए हुए दाम में पाँचवाँ भाग और बढ़ाकर देना होगा, और खेत उसका बना रहेगा।.
20 यदि वह खेत वापस न खरीदे, या उसे किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दे, यह क्षेत्र अब वापस नहीं खरीदा जा सकता;
21 और जब वह जुबली के वर्ष में छोड़ा जाए, तब वह खेत यहोवा के लिये पवित्र ठहरेगा, अर्थात वह याजक की सम्पत्ति ठहरेगा।.
22 अगर कोई यहोवा को कोई ज़मीन समर्पित करता है जिसे उसने ख़रीदा है और जो उसकी विरासत का हिस्सा नहीं है,
23 याजक जुबली के वर्ष तक उसकी कीमत तुम्हारे ठहराए हुए मोल के अनुसार ठहराए, और वह मनुष्य यहोवा के लिये पवित्र की हुई वस्तु समझकर उसी दिन ठहराई हुई कीमत चुकाए।.
24 जुबली के वर्ष में वह खेत उस व्यक्ति को लौटा दिया जाएगा जिससे वह खरीदा गया था और जिसकी विरासत का वह भाग था।.
25 तुम्हारा सारा मोल पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार हो; शेकेल बीस गेरा का होता है।.
26 लेकिन कोई भी अपने पशुओं के पहलौठे को पवित्र नहीं कर सकता, क्योंकि वह पहलौठा होने के नाते पहले से यहोवा के लिए: बैल या भेड़, यह यहोवा का है।.
27 यदि वह अशुद्ध पशु हो, तो वह तुम्हारे ठहराए हुए दाम में से पांचवां भाग जोड़कर छुड़ाया जाए; और यदि वह न छुड़ाया जाए, तो वह तुम्हारे ठहराए हुए दाम के अनुसार बेचा जाए।.
28 जो कुछ मनुष्य यहोवा को अर्पण करता है, चाहे वह मनुष्य हो, पशु हो, या उसकी विरासत का खेत हो, उसमें से कोई भी वस्तु न तो बेची जा सकती है और न ही छुड़ाई जा सकती है; जो कुछ अर्पण किया गया है वह परम पवित्र है।, संबंधित नहीं यहोवा के लिए.
29 जो व्यक्ति अभिशाप से दण्डित किया गया है, उसे छुड़ाया नहीं जा सकता; उसे मृत्युदण्ड दिया जाएगा।.
30 भूमि का हर एक दशमांश, नमूना चाहे पृथ्वी के बीजों पर हो, चाहे वृक्षों के फलों पर, वह यहोवा का है; वह यहोवा के लिये पवित्र की हुई वस्तु है।.
31 यदि कोई अपने दशमांश में से कुछ छुड़ाना चाहे, तो उसे उसमें पाँचवाँ भाग और जोड़ना होगा।.
32 गाय-बैलों और भेड़-बकरियों का दशमांश, अर्थात जो कुछ चरवाहे की देख-रेख में आता है, उसका दशमांश, जानवर यहोवा को समर्पित किया जाएगा।.
33 हम अच्छे और बुरे के बीच चुनाव नहीं करेंगे और हम अदला-बदली नहीं करेंगे; और अगर हम अदला-बदली करते हैं, तो बदले जाने वाले जानवर और उसके बदले आने वाले जानवर, दोनों को बदला जाएगा। दोनों पवित्र चीज़ें हैं और उन्हें छुड़ाया नहीं जा सकता।«
34 ये वे आज्ञाएँ हैं जो यहोवा ने इस्राएलियों के लिए सीनै पर्वत पर मूसा को दी थीं।.


